बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होनी है. इस बैठक की अगुवाई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर रहे हैं. बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव सहित कई दलों के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे. हालांकि बैठक से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी नेताओं को चिट्ठी लिखी है.चिट्ठी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आग्रह किया है कि 23 जून को बिहार में विपक्षी पार्टियों की बैठक में अध्यादेश को संसद में हराने पर सबसे पहले चर्चा हो. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली का अध्यादेश एक बीजेपी के लिए एक प्रयोग है. अगर यह सफल हुआ तो केंद्र सरकार गैर बीजेपी शासित राज्यों के लिए ऐसे ही अध्यादेश लाकर कॉन्करेंट लिस्ट के विषयों से राज्य सरकार का अधिकार छीन लेगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अध्यादेश लागू होने पर दिल्ली से जनतंत्र खत्म होगा. केंद्र सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से सरकार चलाएगी. दिल्ली के बाद अन्य राज्यों से जनतंत्र खत्म किया जाएगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री 33 राज्यपालों और उपराज्यपालों के माध्यम से सभी राज्य सरकारें चलाएंगे. इसलिए मेरा आग्रह है कि बैठक में इस पर सबसे पहले चर्चा हो.बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल होने के लिए 23 जून को पटना पहुंचेंगे. वह बैठक में दिल्ली के अध्यादेश के मुद्दे पर भी चर्चा चाहते हैं. हालांकि बैठक में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा को कैसे घेरा जाए, इस पर चर्चा होनी है.दरअसल, दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के पॉवर को लेकर केजरीवाल सरकार और केंद्र आमने-सामने है. केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए अध्यादेश लाने वाली है. इसी का अरविंद केजरीवाल विरोध कर रहे हैं. वह विपक्षी नेताओं से मिलकर अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांग रहे हैं।

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