2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है. विपक्ष इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने का दावा कर रहा है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि 2014 और 2019 की तरह 2024 में भी जनता पीएम मोदी को चुनेगी. इन सबके बीच बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली पुहंचे. दिल्ली में ‘अटल समाधि स्थल’ पर जाकर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. ऐसी खबर है कि नीतीश कुमार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलेंगे लेकिन उससे पहले ही दो पार्टियों में पेंच फंस गया है. हालांकि आज सीएम नीतीश और केजरीवाल के मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है।

दरअसल मिशन 2024 के लिए बिहार के मुख्यमंत्री शुरू से लगे हुए हैं. सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया जा रहा है. इन सबके बीच नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे और एक नया विवाद सामने आ गया है. कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की पार्टी ‘आप’ के बीच बयानबाजी हो गई है. कांग्रेस की प्रवक्ता अलका लांबा ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया तो अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने कह दिया कि मुंबई में होने वाली विपक्षी एकता की तीसरी बैठक में हम क्यों जाएं? यानी ‘आप’ और कांग्रेस आमने-सामने है.लोकसभा चुनाव को लेकर बुधवार (16 अगस्त) को कांग्रेस ने दिल्ली में बैठक की. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी शामिल थे. बैठक के बाद पार्टी की प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि हमें दिल्ली की सातों सीटों पर संगठन को मजबूत करने के लिए निर्देश दिया गया है. सात महीने और सात सीट. संगठन से जो भी जिम्मेदारियां तय होंगी उस पर हम लोग काम करेंगे.इस बयान के बाद आम आदमी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने बुधवार की शाम बयान दिया कि अगर ऐसा है तो हम मुंबई की मीटिंग में क्यों जाएं?

पार्टी का नेतृत्व फैसला करेगा कि मुंबई जाना है कि नहीं. इन दोनों बयानों के बाद अब पेंच फंस गया है कि पार्टी कैसे इसे संभालती है. इन सबके बीच नीतीश कुमार भी दिल्ली में हैं. देखना होगा कि इन दो पार्टियों में कैसे सहमति बनती है.आपको बता दें कि विपक्षी एकता की पहली बैठक राजधानी पटना में ही हुई थी. दिल्ली विधेयक पर कांग्रेस की ओर से कोई भरोसा नहीं देने के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे. बता दें कि दिल्ली और पंजाब दोनों जगहों पर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को हराकर सरकार छीनी है. अब लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर क्या समीकरण बनता है और सीएम नीतीश अपने मिशन में कितना सफल होते हैं यह भी पता चलेगा।

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