बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर अक्सर बहस चलती रहती है. कई बार सोशल मीडिया पर कुछ सेलेब्स ने इसके खिलाफ आवाज भी उठाई हैं.अब इसे लेकर एक्ट्रेस आलिया भट्ट ने अपनी राय रखी है और अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है. आलिया भट्ट का कहना है कि वे नेपोटिज्म को मानती हैं लेकिन उन्होंने कभी अपने काम को हल्के में नहीं लिया. हालांकि उन्हें नेपोटिज्म के चलते बहुत सी चीजों का सामना करना पड़ा. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब आलिया ने नेपोटिज्म को लेकर अपनी राय रखी हो. वे इससे पहले भी कई बार इस मामले पर बोल चुकी हैं।

फिल्म निर्देशक महेश भट्ट और अभिनेत्री सोनी राजदान की बेटी आलिया भट्ट जिनकी शादी भी उस कपूर फैमिली में हुई है जिसका बॉलीवुड से गहरा नाता है. नेपोटिज्म को लेकर उठके सवालों को लेकर आलिया ने एक इंटरव्यू में साफ किया था कि उन्हें पहला ब्रेक अपने पेरेंट्स की वजह से नहीं बल्कि करण जौहर को ऑडिशन देने के बाद मिला था।

तब आलिया ने साल 2012 में आई करण जौहर की ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से डेब्यू किया था.’स्टूडेंट ऑफ द ईय’र न सिर्फ आलिया के लिए नहीं बल्कि वरुण धवन और सिद्धार्थ मल्होत्रा के लिए भी ब्रेक था. बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर आलिया ने कहा कि कुछ सालों से इसे लेकर बहस ज्यादा होने लगी है. ‘मैं ये मानती हूं कि दूसरों के मुकाबले मेरे लिए यह रास्ता आसान था. मैं अगर अपने और दूसरों के सपनों का मुकाबला करूं तो मुझे लगता है कि किसी का सपना बड़ा या छोटा नहीं होता.’ आलिया कहती हैं, ‘सभी के सपने एक हैं. मैं मानती हूं कि मुझे प्रीविलेज सेक्शन का होने की वजह से एक शुरुआत मिल गई।

इसलिए मैं कभी अपने काम को हल्के में नहीं लेती और अपना 100 पर्सेंट देती हूं.’बता दें कि आलिया भट्ट को फिल्म इंडस्ट्री में 11 साल होने वाले हैं. इन 11 सालों में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है और कई अचीवमेंट्स हासिल की हैं. अभी कुछ समय पहले ही संजय लीला भंसाली की गंगूबाई काठियावाड़ी में उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें पांचवां फिल्मफेयर अवार्ड मिला. वहीं आलिया ने इस साल मेट गाला में भी डेब्यू कर लिया है और अब वह हार्ट ऑफ स्टोन के साथ हॉलीवुड डेब्यू करने के लिए तैयार हैं।

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