हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किए गए शिक्षक तबादला नीति के नए ड्रॉफ्ट पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपनी मुहर लगा दी। कुछ संशोधन के बाद अब नई शिक्षक तबादला नीति के तहत ही करीब 70 हजार अध्यापकों के तबादले होंगे। नई नीति को आगामी सप्ताह में मंत्रिमंडल की बैठक में पास कराया जाएगा। इसके बाद अगस्त माह में तबादला ड्राइव को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।खास बात ये कि नई तबादला नीति में पहले से चल रहे जोन सिस्टम को खत्म कर दिया गया है। इसके स्थान पर शिक्षकों को ब्लाक वाइस स्कूल चुनने का विकल्प दिया जाएगा। पंचायती राज सिस्टम के तहत ही शिक्षा विभाग में कुल 143 शिक्षा ब्लाक होंगे। नीति के तहत एक शिक्षक एक स्कूल में पांच साल से अधिक समय तक नहीं रह सकेगा, जबकि पहले शिक्षक पांच साल के बाद एक जोन में नहीं रह सकता था और कुल 7 जोन थे।
संभावना जताई जा रही है कि जुलाई माह में नई तबादला नीति पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद इसे अमलीजामा पहनाया जाएगा। जुलाई माह के अंत तक तबादला ड्राइव शुरू किया जाएगा और हर हाल में अगस्त माह तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गौरतलब है कि पहले सीएमओ की ओर से नई नीति पर आपत्ति जताई थी और कुछ सुझाव दिए थे। अब विभाग ने आपत्तियों को दूर कर लिया है और नए सुझावों को इसमें शामिल कर लिया है।नई नीति में एक और अहम संशोधन किया गया है। अब नार्मेलाइजेशन पूरे राज्य के हिसाब से नहीं बल्कि ब्लॉक के हिसाब से होगा। इसके तहत ब्लाक में आवेदन के हिसाब से शिक्षकों को नियुक्ति दी जाएगी। इससे पहले नीति में प्रावधान था कि पदों से अधिक आवेदन आने के बाद उनको दूसरे जिलों में दूर तबादला कर दिया जाता था। सरकार का तर्क है कि इससे शिक्षकों का संतुष्टि प्रतिशत बढ़ेगा। गौरतलब है कि विभाग की ओर पहले ही ट्रायल के तौर पर अध्यापकों से दस-दस ब्लाक का विकल्प देकर विकल्प भरवाए जा चुके हैं।हरियाणा सरकार की ओर से अध्यापकों के लिए सबसे पहले साल 2016 में यह तबादला नीति लाई गई थी। इसमें कई खामियां सामने आई थी। विभाग को गुरुग्राम, फरीदाबाद के अलावा कई जिलों में जोन को लेकर दिक्कतें आ रही थी। इसके अलावा, हर बार तबादला ड्राइव में खामियों को लेकर अध्यापक आंदोलन करते रहे हैं। तमाम संगठनों के साथ बैठक करने और आए सुझाव के बाद सरकार ने शिक्षक तबादला नीति में संशोधन किया है। नई नीति के तहत एक शिक्षक को तीन ब्लाक चुनने का विकल्प दिया जाएगा, उसी आधार पर उसका तबादला किया जाएगा। इनमें उन अतिथि अध्यापकों को शामिल किया जाएगा, जिनके तबादले पिछली बार काफी दूर हो गए थे।