महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को एनसीपी (एसपी) सुप्रीमो शरद पवार पर बारामती विधानसभा क्षेत्र के चुनावी समर को पारिवारिक लड़ाई में तब्दील करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पारिवारिक संबंधों को जोड़े रखने में पीढ़ियां लग जाती हैं, लेकिन उन्हें तोड़ने में बस एक पल लगता है.एनसीपी (शरद पवार) ने अजित पवार के भाई श्रीनिवास के बेटे युगेंद्र को बारामती से अपना उम्मीदवार बनाया है. अजित पवार इस सीट से सात बार के विधायक हैं. अजित पवार ने दावा किया कि उनकी मां (युगेंद्र की दादी) के विरोध के बावजूद एनसीपी (एसपी) ने युगेंद्र को बारामती से टिकट दिया.दरअसल उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद बारामती में एक रैली को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में बारामती की मौजूदा सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने की गलती स्वीकार कर ली है.उन्होंने कहा कि अब बताइए गलती किसकी हुई? मुझे पहले फॉर्म (नामांकन पत्र) भरना था. मेरी मां ने कहा था कि दादा के खिलाफ फॉर्म मत भरना. जो कुछ हो रहा है, वह उचित नहीं है. परिवार के बुजुर्गों को (शरद पवार को) इस बारे में सलाह देनी चाहिए थी. अजित पवार ने कहा कि युगेंद्र को फॉर्म भरने के लिए किसने कहा, साहब (शरद पवार) ने. क्या इसका मतलब यह है कि उन्होंने (शरद पवार) तात्या साहब (अजित पवार के पिता अनंतराव पवार) के परिवार में फूट डाल दी है.उन्होंने कहा कि राजनीति को इस स्तर पर ले जाया जा रहा है. पारिवारिक संबंधों को बनाए रखने में पीढ़ियां लग जाती हैं, लेकिन उन्हें टूटने में जरा भी देर नहीं लगती. अजित पवार ने कहा कि विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और इस तरह के झगड़े घर की चारदीवारी के भीतर ही होने चाहिए. भीड़ ने उनकी इस टिप्पणी पर ताली बजाई. उपमुख्यमंत्री ने भीड़ से कहा कि यह परंपरा है कि जब सब साथ होते हैं, तो सब आगे बढ़ते हैं.हालांकि, अजित पवार के भाई श्रीनिवास ने उनके इस दावे का खंडन किया कि उनकी मां ने युगेंद्र के बारामती से चुनाव लड़ने पर आपत्ति जताई थी. श्रीनिवास ने कहा कि मैं नहीं जानता कि अजित दादा ने यह टिप्पणी क्यों की. पवार साहब के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई थी. हमारी मां के लिए, अजित दादा और युगेंद्र दोनों बराबर हैं. मुझे नहीं लगता कि हमारी मां ऐसी टिप्पणी करेगी.श्रीनिवास ने कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री को सलाह दी थी कि लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार को सुप्रिया सुले के खिलाफ मैदान में न उतारा जाए. उन्होंने कहा कि सुप्रिया हमारी छोटी बहन है और वह हमारी आंखों के सामने बड़ी हुई है. हालांकि, अजित दादा नहीं माने और अपनी योजना पर आगे बढ़े. जब हमने उनसे कहा कि वे सुप्रिया के खिलाफ सुनेत्रा को मैदान में न उतारें, तो हमारी मां वहां मौजूद थीं.

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