बिहार के सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्षी दलों की पटना में बैठक हुई. जिसमें तमाम बड़े विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए. बताया गया है कि इस बैठक में नीतीश को विपक्षी एकजुटता का संयोजक बनाने पर मुहर लगाई गई है. अब इस बैठक से एक और जानकारी सामने आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि कांग्रेस को दिल्ली के अध्यादेश मामले पर अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने के लिए मना लिया गया है, जिसके बाद संसद में कांग्रेस आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन दे सकती है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक एनसीपी चीफ शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी से इस बात को लेकर अपील की, जिसके बाद राज्यसभा में दिल्ली के अध्यादेश पर कांग्रेस केजरीवाल को समर्थन दे सकती है।
हालांकि इसे लेकर फिलहाल आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है. केजरीवाल विपक्षी दलों की बैठक से पहले लगातार इस मुद्दे को उछाल रहे थे और मांग कर रहे थे कि संसद में अध्यादेश के मामले पर सभी दल उनके साथ खड़े रहें. सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दलों की इस अहम बैठक में राहुल गांधी की भूमिका पर सभी की नजरें टिकी हुई थीं, राहुल की भूमिका को लेकर अब तक कुछ भी साफ नहीं हुआ हैं।
हालांकि कांग्रेस के तमाम नेता लगातार राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश कर रहे हैं. अब देखना होगा कि इस विपक्षी बैठक में इस बात को लेकर क्या संकेत मिले. बिहार के पटना में हो रही विपक्षी दलों की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और विपक्ष के कई बड़े नेता शामिल हुए।