बिहार के गया में पहुंचे पूर्व सीएम जीतन मांझी ने कहा है कि वह शराबबंदी के अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जहरीली शराब से मौत पर मुआवजा की घोषणा के सवाल पर कहा कि मुआवजा मिलती है। शराब नीति खराब नहीं है, किंतु इसमें गड़बड़ियों को देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांग को मान लिया है और कहा है कि वे शराबबंदी को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे। गौरतलब हो कि बिहार के पश्चिम चंपारण समेत कुछ अन्य जिलों में जहरीली शराब से मौतों पर बिहार की सियासत गरमाई हुई है।

दरअसल पूर्व सीएम जीतन राम मांझी बिहार में शराबबंदी के बाद भी थोड़ी-थोड़ी पिया करो के हिमायती रहे हैं। वह शराबबंदी कानून में आए दिन संशोधन की बात कहते रहे हैं और सर्वदलीय बैठक की भी मांग करते रहे हैं। सोमवार को गया में एक कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मौत पर चार लाख के मुआवजे की घोषणा की है। मुआवजा मिलती है, शराब नीति खराब नहीं है। किंतु गड़बड़ियों को देखने की आवश्यकता है। हॉस्पिटल या जेल में शराबबंदी को लेकर जो लोग हैं, उसमें से ज्यादातर गरीब हैं। बड़े-बड़े लोग छूट जाते हैं। हमारा स्टैंड सब कोई जानते हैं। पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि शराबबंदी को लेकर समीक्षा के लिए उन्होंने सर्वदलीय बैठक की मांग की थी, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मान लिया है।

अब सर्वदलीय बैठक सीएम बुलाएंगे। उसमें शराबबंदी को लेकर चर्चा की जाएगी।वहीं, अमित शाह से मिलने के बाद आए राजनीतिक भूचाल पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि वह पहले से ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाहते थे। पर्वत पुरुष बाबा दशरथ मांझी को भारत रत्न दिए जाने की मांग को लेकर वे उनसे मिलना चाहते थे। किंतु उन्हें समय नहीं मिला। वह कई कार्यक्रमों में व्यस्त रहे। इसके बीच 13 तारीख को वह बुलावा पर गए थे। हम सोशल काम से गए थे, लेकिन उसे पॉलिटिकल रूप मीडिया द्वारा दिया गया। बताया कि मुख्यमंत्री ने भारत रत्न के लिए रिक्यूमेंट किया है। यह उनका बड़प्पन है। अब केंद्र सरकार भारत रत्न कब देगी। यह उन पर निर्भर करता है। वहीं, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने यूपी में अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या पर कहा कि यह वहां की लचर व्यवस्था का नतीजा है। इस प्रकार की हत्या में लापरवाही दिखती है।

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