भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी अब एक नए मुकाम की ओर अग्रसर है। दोनों देश अपनी इस स्ट्रैटिज पार्टनरशिप को नई बुलंदियां देने चाहते हैं, जो पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन सके। इसके लिए भारत एवं अमेरिका के दो शीर्ष सेवानिवृत्त जनरल – जनरल (सेवानिवृत्त) मनोज मुकुंद नरवणे और जनरल (सेवानिवृत्त) रिचर्ड क्लार्क अमेरिका भारत रणनीतिक एवं साझेदारी मंच (यूएसआइएसपीएफ) के सलाहकार बोर्ड में शामिल हुए हैं। जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने भारतीय सेना में 28वें सेनाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है और जनरल (सेवानिवृत्त) क्लार्क यूएस स्पेशल ऑपरेशंस कमांड के पूर्व कमांडर हैं।यूएसआईएसपीएफ ने यह भी घोषणा की कि एशिया-प्रशांत और जापान क्षेत्र के लिए डेल टेक्नोलॉजीज के अध्यक्ष पीटर मार्स निदेशक मंडल में शामिल हो गए हैं। नरवणे ने कहा, ‘‘यूएसआईएसपीएफ के बोर्ड में आमंत्रित किया जाना सम्मान और सौभाग्य की बात है, एक ऐसा मंच जिसने अमेरिका-भारत संबंधों को आगे बढ़ाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस साझेदारी को और बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं और मैं इस प्रयास का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं।’’ क्लार्क ने कहा कि सेना में रहने के दौरान और नेशनल वॉर कॉलेज में रहने के दौरान उन्हें भारत की यात्रा करने और अध्ययन करने का सौभाग्य मिला।
उन्होंने कहा, ‘‘अब सेवानिवृत्त होने के बाद मुझे उम्मीद है कि मैं इस सदी में अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक के साथ सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देना जारी रखूंगा।’’यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मुकेश अघी ने कहा कि पीटर मार्स, जनरल नरवणे और जनरल क्लार्क की नियुक्ति खासकर रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकी के महत्व और तालमेल का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका की सफल राजकीय यात्रा और मोदी एवं राष्ट्रपति जो बाइडन के संयुक्त बयान में आईसीईटी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र के नेता और पूर्व प्रतिष्ठित सैन्य अधिकारी साझेदारी के वाणिज्यिक और भू-रणनीतिक पहलुओं को समझने के लिए यूएसआईएसपीएफ के समग्र दृष्टिकोण का उदाहरण पेश करते हैं।’’ क्लॉर्क ह्वाइट हाउस के सबसे भरोसेमंद और जांबाज करीबी अफसर रहे हैं। इसलिए अमेरिका ने भारत के सेवानिवृत्त जनरल एमएम नरवणे के साथ इस साझेदारी की कमान दी है।