सुभासपा और भाजपा के गठबंधन की खबरों को आज विराम लग गया। अमित शाह के साथ ओपी राजभर ने भी ट्वीट कर एनडीए और सुभासपा के गंठबंधन पर मुहर लगा दी है। अब लोकसभा इलेक्शन 2024 में दोनों पार्टियां साथ मिलकर चुनावी ताल ठोकेंगी।पिछले लोकसभा के चुनाव में पूर्वांचल की अहम सीटों में शुमार गाजीपुर, घोषी व जौनपुर लोकसभा सीट भाजपा हार गई थी। तीनों सीटें सपा-बसपा के कारण बसपा के खाते में चली गई थी। अब इन सभी सीटों पर भाजपा का पूरा फोकस है। वह हर हाल में पिछले चुनाव में विपक्ष के खाते में गई सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है।
सुभासपा के साथ आने के बाद अच्छा खासा वोट बैंक भाजपा को मिलना तय है, जो भाजपा के लिए जीत की राह आसान करेगा।सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने कभी अखिलेश यादव को वातानुकूलित कमरे से बाहर निकलकर सड़क पर संघर्ष करने की सलाह दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि सपा और बसपा को वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ना चाहिये। उनकी दलील थी कि जब दोनों ही दल पिछड़ों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं तो फिर चुनाव अलग- अलग क्यों लड़ते हैं। अब सुभासपा ने भाजपा के साथ हाथ मिलाया है।बता दें कि सुभासपा और सपा ने 2022 का विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था। सुभासपा ने 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था और छह पर जीत हासिल की थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थी और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद सत्ता में शामिल भी हुई थी लेकिन बाद में पार्टी सरकार से अलग हो गयी थी।