मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. सचिन बिरला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए. सचिन बिरला को प्रदेश में अनोखा विधायक भी कहा जाता है, क्योंकि उनको विधानसभा में कांग्रेस और क्षेत्र में बीजेपी विधायक के रूप में जाना जाता है.सचिन बिरला ने साल 2020 में राज्य की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान बीजेपी का समर्थन किया था. सचिन बिरला वर्तमान में खरगाोन जिले की बड़वाह सीट से विधायक हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़कर विधानसभा पहुंचे सचिन बिरला पिछले करीब एक साल से पार्टी से दूर हैं।
इनके बारे में कहा जाता है कि भले ही इन्होंने आज आधिकारिक रूप से बीजेपी का दामन थामा हो, लेकिन यह एक साल पहले ही पार्टी में शामिल हो गए थे.सचिन बिरला ने बीजेपी से नज़दीकियों के बावजूद कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया. क्षेत्र में वह आज भी खुद को बीजेपी नेता बताते हैं. बिरला की बीजेपी से नज़दीकियां किसी से छुपी नहीं है. इसको लेकर कांग्रेस ने दलबदल कानून के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला. कांग्रेस यह साबित नहीं कर पाई कि उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली है.कहा जाता है कि सचिन बिरला एकमात्र ऐसे विधायक हैं, जो विधानसभा में एक साल से ऑन रिकार्ड कांग्रेस के विधायक हैं. वह क्षेत्र में बीजेपी के कार्यक्रमों में शामिल होते रहते हैं. बड़ी बात यह है कि साल 2021 के बाद से सचिन बिरला मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्रों में शामिल नहीं हुए हैं।