बिहार में अध्यापक नियुक्ति नियमावली में बदलाव को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी लगातार विरोध कर रहे हैं और सरकार को अंदोलन की चेतावनी दी है। अब बीजेपी भी शिक्षक अभ्यर्थियों के समर्थन में खड़ी हो गई है और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बाहरी अभ्यर्थियों से पैसा कमाने के उद्देश्य से सरकार ने नियमावली में संशोधन किया है।विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बड़े भाई और छोटे भाई मिलकर बिहार में शिक्षा की बर्बादी की कहानी लिखने का काम कर रहे हैं। शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ सरकार जो खिलवाड़ कर रही है उसे बिहार की जनता देख रही है, किसी कीमत पर माफ नहीं करेगी।

शिक्षक अभ्यर्थियों को पहले तो चार साल तक बरगलाया और जब चरवाहा विद्यालय खोलने वालों के साथ नीतीश कुमार ने गठबंधन कर लिया तो शिक्षकों की नौकरी को ही खत्म करने में लग गए। उन्होंने कहा है कि बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई गई लेकिन उस नियमावली में बार बार संशोधन किए जा रहे हैं। शिक्षा मंत्री कहते हैं कि बिहार में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं हैं। बिहार को अपमानित करने वाले ऐसे मंत्री को धिक्कार है। जिस बिहार ने पूरे देश के भीतर IAS की फौज खड़ी करता है उस बिहार के लिए शिक्षा मंत्री का यह बयान निंदनीय है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि शिक्षकों की बहाली को लेकर सरकार की नीयत में खोंट है। यही कारण है कि सरकार की नीति असफल हो रही है। बहाली के नाम पर सरकार सिर्फ लोगों को बरगला रही है। सरकार चाचा भतीजा वाद के नाम पर वसूली का खेल करना चाह रही है। दूसरे राज्यों के लोगों से पैसे कमाने के लिए सरकार बिहार के बाहर के लोगों को नियुक्ति में मौका देने की बात कह रही है। बीजेपी इस मामले को लेकर सरकार को ऐसे ही छोड़ने वाली नहीं है।

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