क्या 15 अगस्त को गांधी मैदान से भाषण देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के साथ किये गया फर्जीवाड़े की कहानी सुनायेंगे. पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नीतीश कुमार ने एक साल में 20 लाख नौकरी देने का एलान किया था. लेकिन भी नौकरी नहीं दी. क्या नीतीश कुमार जनता को बतायेंगे कि उन्होंने विश्वासघात क्यों किया.बीजेपी सांसद औऱ पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ये सवाल पूछा है. सुशील मोदी ने कहा कि 15 अगस्त को नीतीश कुमार को राष्ट्रीय ध्वज के नीचे खड़े होकर ये बताना चाहिये कि उन्होंने क्यों सरासर झूठा एलान किया था. नीतीश ने 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादा कर राजद से गठजोड़ किया था लेकिन उनकी नई सरकार साल भर में एक व्यक्ति को भी नौकरी नहीं दे पायी.सुशील मोदी ने कहा कि कुछ दिनों तक नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने नियुक्ति पत्र बांट कर अपना चेहरा चमकाया।

लेकिन वे सारी नियुक्तियां उस समय की थीं जब बिहार में एनडीए सरकार थी. उन्होंने कहा है कि नीतीश-लालू डील के तहत बनी इस सरकार ने चेहरा छिपाने के लिए एनडीए सरकार के समय हुई बहाली का नियुक्ति-पत्र बाँट कर फोटो खिंचवाया. ये जनता के साथ सबसे बड़ी धोखाधड़ी है. सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कल स्वाधीनता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीत्क छल-कपट छोड़ कर बिहारवासियों को बताना चाहिये कि महागठबंधन सरकार बनवाने के लिए उन्होंने 2020 के जनादेश से विश्वासघात क्यों किया ? श्री मोदी ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय ध्वज के नीचे खड़े होकर बताना चाहिए कि नौकरी के बदले जमीन मामले में चार्जशीटेड व्यक्ति को 6-6 विभागों का मंत्री और डिप्टी सीएम बनाये रखने के लिए भ्रष्टाचार से समझौता क्यों करना पड़ा. ऐसी क्या मजबूरी थी, यह भी मुख्यमंत्री को अपने संबोधन में बताना चाहिए. सुशील मोदी ने कहा है कि हत्या-बलात्कार, महिलाओं से बर्बरता, बैंक लूट और राहजनी से लेकर पुलिस पर बालू-शराब माफिया के हमले जैसी घटनाओं में वृद्धि के कारण आजादी क्यों कलंकित हो रही है? इससे आजादी कैसे मिलेगी, यह भी मुख्यमंत्री को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा के सरकार में रहते बिहार में जातीय जनगणना कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, यह तथ्य स्वीकार करते हुए नीतीश कुमार को बताना चाहिए गैर-भाजपा दलों के शासन वाले राज्यों में ऐसी जनगणना कराने के लिए नीतीश कुमार क्या करेंगे? विपक्ष-शासित राज्यों में जातीय जनगणना कराने के लिए मुख्यमंत्री को 15 अगस्त पर अवश्य कोई संकल्प घोषित करना चाहिए।

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