हरियाणा में हैट्रिक के बाद अब महाराष्ट्र में एनडीए को सत्ता में लाने के लिए आरएसएस ने अभियान शुरू कर दिया है. आरएसएस ने इस काम में सह सरकार्यवाह अतुल लिमए को जिम्मेदारी दी है. अतुल लिमए ने महाराष्ट्र के लिए कार्य योजना बनाते हुए जमीन पर काम करना शुरू भी कर दिया है.सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में आरएसएस ने 60 हजार से ज्यादा छोटे- छोटे बैठक करने का फैसला लिया है. ये बैठक सभी विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा. इस छोटी छोटी बैठकों में अलग-अलग वर्ग और समाज के लोगों को बुलाकर बौद्धिक के माध्यम से महाराष्ट्र में महायुति की सरकार की जरूरत बताया और समझाया जाएगा.महाराष्ट्र में आरएसएस ने ओबीसी, एससी, एसटी समाज के बीच माइक्रो मैनेजमेंट के तहत काम कर रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरएसएस ओबीसी के 353 उपजातियों, एससी के 59 उपजातियों, एसटी की 25 उपजातियों और 29 घुमंतू जातियों के बीच अलग-अलग कार्यक्रम चला रही है.बाला साहेब ठाकरे ने जिस धरतीपुत्र आंदोलन को चलाया था, उसमें शामिल मुंबई और कोंकण बेल्ट की सभी पांचों जातियों को बीजेपी और शिंदे सेना से जोड़ने का भी प्रयास काफr तेजी से किया जा रहा है. ठाकरे परिवार से नजदीक रहे इन जातियों को समझाया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की कार्यपद्धति बाला साहेब के कार्यपद्धति से विरुद्ध है. इस क्रम में आरएसएस लगातार मुंबई और ठाणे बेल्ट के प्रभु पठारे, आगरी, कोली, सीकेपी, दैवज्ञ ब्राह्मण जातियों के बीच कार्यक्रम चलाया रहा है.इतना ही नहीं संघ से मिले दिशानिर्देश के बाद बीजेपी ने भी दलित समुदाय के बीच आउटरीच तेज कर दिया है. बीजेपी और आरएसएस की नजर दलित समुदाय के बौद्ध बने बड़े दलित वोटर पर है. इसीलिए इस वर्ग के बीच बीजेपी बड़ा आउटरीच कार्यक्रम चला रही है. केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने अब तक करीब 200 सभाएं बौद्धों के बीच की हैं. किरण रिजिजू को मोदी कैबिनेट के बौद्ध चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता है. रिजिजू ने दलित समुदाय से बौद्ध बने लोगों के बीच जाकर केंद्र सरकार द्वारा दलितों के उत्थान और देश के बौद्धों के लिए किए गए कामों की पूरी फेहरिस्त को बताते हैं.