मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर परमार ने दावा किया है कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं बल्कि भारत ने और हमारे पूर्वजों ने की थी। इंदर परमार ने ये भी कहा है कि भारत की खोज भी वास्कोडिगामा ने नहीं की वास्कोडिगामा खुद अफ्रीका के जंजीबार से भारत के ही एक नागरिक ‘चंदन’ के साथ भारत की यात्रा पर आया था। जिस वक्त परमार से बयान दे रहे थे उस वक्त मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव भी मौजूद थे।कोलंबस ने अमेरिका की खोज नहीं की- इंदर परमारमध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर परमार ने दावा किया है कि भारतीयों को कई झूठ इतिहास में पढ़ाए गए हैं। उनमें से एक झूठ यह भी है कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की थी। उन्होंने कहा कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज नहीं की थी। अमेरिका की खोज की थी तो भारत ने की थी हमारे पूर्वजों ने खोज की थी। भोपाल के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की मौजूदगी में उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास में कई प्रकार की भ्रांतियां थी। इंदर परमार ने कहा कि हमको पढ़ाया गया कि वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की, भारत के समुद्र मार्ग की खोज की है। जिन विद्वानों ने किताबों में पाठ्यक्रम को सम्मिलित किया यदि वह वास्कोडिगामा की आत्मकथा को पढ़कर इतिहास बता देते तो भारत के विद्यार्थियों को, समाज को अपने पूर्वजों ने जो किया था उसे पर गर्व का अनुभव होता। च्च शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि वास्कोडिगामा 1498 में भारत आया और आया कैसे अफ्रीका के जंजीबार में हमारे देश का एक नाविक व्यापार करने वाला चंदन नाम का गुजरात का व्यापारी वहां के बंदरगाह पर था। वास्कोडिगामा ने अपने दुभाषिये के माध्यम से उससे कहा मुझे भारत देखना है। चंदन बोला मैं जाने वाला हूं मेरे पीछे-पीछे जहाज डाल देना।उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि वास्कोडिगामा लिखता है कि मेरे जहाज से बड़ा चंदन का जहाज था और एक गुणा नहीं बल्कि 3 से 4 गुना था। हिंदुस्तान के उस चंदन नाम के व्यापारी के पीछे-पीछे वास्कोडिगामा भारत आया। इतिहासकारों ने भारत के विद्यार्थियों को गलत पढ़ाया कि वास्कोडिगामा ने भारत की या भारत की समुद्री मार्ग की खोज की। मंत्री इंदर परमार ने कहा कि भारतीय छात्रों को ये भी पढ़ाते कि कोलंबस के बाद के लोगों ने अमेरिका में कैसे अत्याचार किया, जनजातीय समाज को नष्ट करने का काम काम किया। परमार ने कहा कि वहां का समाज प्रकृति पूजा था सूर्य का उपासक था। किस प्रकार से उनकी हत्याएं की गई। लेकिन दुर्भाग्य से सही तथ्य नहीं पढ़ाया है। ऊपर से भारत के विद्यार्थियों को पढ़ाया कि कोलंबस ने अमेरिका की खोज की।मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर परमार ने कहा कि अगर किसी को लिखना हो तो यह लिखना चाहिए था भारत का महान नाविक 8वीं शताब्दी में वहां जाता है और अमेरिका के सेंट डियागो में कई मंदिरों का निर्माण करता है। वहां के संग्रहालय में आज भी तथ्य लिखे हुए हैं। अब किसी को पढ़ाना तो सही पढ़ाना कि अमेरिका की खोज की है तो भारत ने की है, हमारे पूर्वजों ने की है। कोलंबस ने अमेरिका की खोज नहीं की और हम गए तो माया संस्कृति के साथ मिलकर हमने उनका विकास किया है।

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