मोदी सरनेम वाले सारे लोगों को चोर बताने वाले मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर तत्काल रोक लगायी है. इसके बाद कांग्रेस देश भर में जश्न मना रही है. हालांकि कोर्ट ने राहुल गांधी को पाकसाफ नहीं करार दिया है. सिर्फ उनकी सजा पर रोक लगायी गयी है. लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बिहार में सियासी उठापटक की संभावनायें भी नजर आने लगी हैं. बीजेपी ने आज कहा है कि राहुल गांधी को कोर्ट से मिली राहत के बाद नीतीश कुमार की उलटी गिनती शुरू हो गयी है. भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा है कि राहुल को राहत के बाद लालू प्रसाद सबसे ज्यादा खुश और नीतीश कुमार सबसे ज्यादा दुखी होंगे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले सिर्फ लालू प्रसाद से भेंट की और जदयू को दरकिनार कर दिया.सुशील मोदी ने कहा है कि राहुल को मिली राहत पर जश्न मना रही कांग्रेस अब राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के अघोषित उम्मीदवार के रूप में खुल कर प्रोजेक्ट करेगी।

उसके प्रभाव वाले गठबंधन में नीतीश कुमार, शरद पवार और ममता बनर्जी को ज्यादा तरजीह क्यों मिलेगी? वैसे कांग्रेस ने तो बेंगलुरु की बैठक में ही नीतीश कुमार की उपेक्षित रखा था. अब कांग्रेस की अगुआई वाले गठबंधन की अगली बैठक मुम्बई में होनी है. नीतीश कुमार गठबंधन का संयोजक बनने का ख्वाब पाल रखे हैं. लेकिन कांग्रेस विपक्षी गठबंधन का संयोजक पद ऐसे व्यक्ति को क्यों देगी जो खुद दूल्हा बनना चाहता हो. नीतीश को अब नये गठबंधन में कुछ हासिल नहीं होने वाला है.सुशील मोदी ने कहा है कि राहुल गाँधी और लालू-तेजस्वी की मुलाकात के मायने नीतीश कुमार समझ रहे होंगे. अब राजद और कांग्रेस मिल कर संसदीय चुनाव के लिए बिहार में टिकट का बँटवारा करेंगे. तब जदयू को किनारे लगा दिया जाना तय है. नीतीश के ज्यादातर सीटिंग सीट छीन लिये जाने की संभावना है. सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी से इतरा रहे हैं, उन्हें उसी फैसले में राहुल गांधी के बयान पर न्यायालय की हिदायत और टिप्पणी भी पढनी चाहिए. कानून की नजर में राहुल गाँधी अब भी मानहानि के मामले में सजायाफ्ता हैं, यह अलग बात है कि सजा पर रोक लगने से फिलहाल उनकी संसद-सदस्यता बहाल हो सकती है. उन्होंने कहा है कि राहुल गाँधी को एक मामले में तात्कालिक राहत मिली है, जबकि सावरकर पर टिप्पणी करने और नेशनल हेराल्ड की सम्पत्ति हड़पने जैसे मामलों में फैसला आना बाकी है. दूसरे मामलों में राहुल गाँधी को ऐसी सजा नहीं मिलेगी, इसकी गारंटी कोई नहीं ले सकता।

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