बिहार में बीपीएससी पास टीचर का अपहरण करके पकड़ौआ शादी करने का मामला गरमाया हुआ है। इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं जबरन शादी कराए जाने से बीपीएससी टीचर का पूरा परिवार सदमे है। जबकि वैशाली जिले के पातेपुर थाना क्षेत्र के रेपुरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पदस्थापित बीपीएससी शिक्षक गौतम कुमार ने जबरन शादी कराए जाने का आरोप लगाते हुए दुल्हन को साथ में रखने से इनकार कर दिया है।गौतम की दादी उर्मिला देवी का कहना है कि पिता की मौत के बाद परिवार का वह इकलौता कमाऊ सदस्य था। छोटी बहन की शादी की जिम्मेदारी उसके कंधे पर थी। परिजनों ने सोचा था कि गौतम अपनी बहन की शादी करने के बाद अपनी शादी करेगा। लेकिन उसके साथ अन्याय हुआ।
पुलिस ने पकड़ौआ शादी मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इस मामले में टीचर गौतम के दादा की ओर से पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। परिजनों ने शिक्षक के अपहरण मामले में पुलिस की भूमिका पर भी कई सवाल उठाए है। परिजनों का कहना है कि पुलिस चाहती तो शादी के पहले भी उसे सकुशल बरामद कर सकती थी। हालांकि पुलिस की ओर से इन आरोपों से इनकार किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में बताया गया है कि गौतम को हथियार का भय दिखाकर जबरन शादी करा दिया गया। इस दौरान उसका मोबाइल भी छीन लिया गया था। बाद में पुलिस ने उसे बरामद कर परिजनों को सौंप दिया था।बिहार में पकड़ौआ विवाह का इतिहास काफी पुराना रहा है। इस विवाह के बाद कई जोड़े सफल वैवाहिक जीवन गुजार रहे हैं तो कई की शादियां टूट भी गई हैं। दरअसल, बिहार में ‘पकड़ौआ विवाह’ का चलन काफी पुराना है। पकड़ौआ विवाह के लिए न लड़के की सहमति ली जाती है और ना ही लड़की की। इस विवाह में लड़कों को अगवा कर या बहला-फुसलाकर बंधक बना लिया जाता है। फिर रीति-रिवाज के साथ लड़की से विवाह करवा दिया जाता है। इसमें दूल्हा और दुल्हन बने लड़का और लड़की की मर्जी की कोई अहमियत नहीं रहती।