मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास की मरम्मत में हुए खर्च का CAG स्पेशल ऑडिट करेगा. उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने CAG से ऑडिट कराने की मंजूरी दे दी है. आप प्रमुख केजरीवाल का सिविल लाइंस स्थित घर प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के साथ बढ़ते विवाद का केंद्र बिंदु बन गया है. एलजी हाउस के एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने 2020 और 2022 के बीच सीएम के आधिकारिक आवास के रेनोवेशन पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए थे. यह पैसा इंपोर्टेड मार्बल, इंटिरियर जैसे कामों पर खर्च हुआ था. इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी की तरफ से सफाई भी दी गई थी।

आप सांसद और पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा था कि जिस घर में केजरीवाल रहते हैं वह 1942 में बना था. चड्डा का कहना था कि घर के अंदर से लेकर बेडरूम तक छत से पानी टपकता था. इस पूरे मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई. बीजेपी और आप के बीच जबरदस्त जुबानी जंग छिड़ गई और बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए रेनोवेशन को लेकर कई आरोप लगाए थे. बीजेपी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार ने कोविड प्रकोप के दौरान केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.CAG स्पेशल ऑडिट को लेकर अब आप की प्रतिक्रिया सामने आई है. आप ने कहा बीजेपी को 2024 के चुनावों में हार की आशंका है इसलिए हताशा की बू आ रही है. पार्टी ने कहा, “पिछले साल भी सीएम आवास के रेनोवेशन खर्च की CAG जांच हो चुकी है. तब भी अनियमितता का कोई सबूत नहीं मिला।

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