फर्जी और जाली पासपोर्ट के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने बड़ा कदम उठाया है। एजेंसी ने पश्चिम बंगाल और सिक्किम के लगभग 50 जगहों पर शुक्रवार शाम को छापा मारा और इस मामले में जांच एजेंसी की कार्रवाई अभी भी जारी है। जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने इस मामले में सिलीगुड़ी के पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र (पीएसएलके) के एक वरिष्ठ अधीक्षक को एक बिचौलिए के साथ गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि गैर-निवासियों सहित अयोग्य व्यक्तियों को कथित तौर पर रिश्वत लेकर जाली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी में 16 अधिकारियों सहित 24 व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, कोलकाता, सिलिगुड़ी, गंगटोक और अन्य स्थानों पर छापे मारे जा रहे हैं।
वहीं इससे पहले 08 अक्टूबर को राज्य में नागरिक निकाय भर्ती में कथित अनियमितताओं के संबंध में पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम और विधायक मदन मित्रा के परिसरों पर सीबीआई ने छापा मारा था। पिछले रविवार की सुबह पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हाकिम और विधायक मदन मित्रा के घर पर CBI की एक टीम ने छापा मारा था। जानकारी के अनुसार, नगर निगम में भर्ती में घोटाले को लेकर सीबीआई ने यह कार्रवाई की थी। बता दें कि फिरहाद दो साल पहले भी सीबीआई के चंगुल में फंस चुके हैं। तब केंद्रीय जांच एजेंसी ने नारदा स्कैम में उनसे पूछताछ की थी और अब नागरिक निकाय भर्ती मामले में उनकी संलिप्तता को लेकर सीबीआई ने उनके घर पर रेड की।इससे पहले, हाकिम और मदन मित्रा दोनों को 2021 में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार किया गया था। मित्रा को 2014 में सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने गिरफ्तार भी किया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने इस साल 21 अप्रैल को सीबीआई को नगर निगम भर्ती घोटाला मामले की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था। यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक आवेदन के आधार पर पारित किया गया था। हालांकि, बंगाल सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के पास नगरपालिका मामलों की सुनवाई का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था।