लोकआस्था के महापर्व चैती छठ को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है, चार दिवसीय महापर्व के दूसरे दिन शनिवार(13 अप्रैल) की शाम व्रतियों ने अपने-अपने घरों और घाटों पर खरना पूजा किया. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरु हो गया. आज शाम डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया जाएगा।भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठ घाट सजकर तैयार हो गए हैं।तमाम छठ घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाएगा. लिहाजा छठ घाटों पर साफ-सफाई का काम पूरा कर लिया गया है. घाटों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. छठ घाट जाने वाली रास्तों को भी खूबसूरत तरीके से सजाया गया है।पूजन सामग्रियों व फल-फूल की खरीदारी को लेकर बाजार में काफी चहल-पहल है. खासकर मेन रोड में सजी अस्थाई दुकानों पर खरीदारी के लिए भीड़ काफी रही. सड़क के बीचों बीच दुकानें सजाई गई हैं।

शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण इलाकों से पहुंचे लोगों ने फल-फूल, सूप-दउरा सहित अन्य पूजन सामग्रियों की खरीदारी की।छठ घाटों पर सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किया गया है। दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी के साथ सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है. सादे लिबास में भी जवानों को तैनात किया गया है. जो हर प्रकार की गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे. महिला पुलिस बल की भी तैनाती की गई है।पटना में आयुक्त रवि कुमार ने बताया कि घाटों के पास और सम्पर्क पथ में सभी व्यवस्था की गई है. घाटों पर नियंत्रण कक्ष कार्यरत हैं।ध्वनि-विस्तारक यंत्र और सीसीटीवी कैमरा से मॉनिटरिंग की जाएगी. घाटों पर उत्कृष्ट सफाई एवं प्रकाश-व्यवस्था सुनिश्चित की गई है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रिवर पेट्रोलिंग टीम तैनात है. विधि-व्यवस्था के मद्देनजर 76 स्थान पर दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।साथ ही 132 दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों को तैनात किया गया है।चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को चैती छठ के नाम से जाना जाता है. चार दिवसीय पर्व का आज तीसरा दिन है. पर्व की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है और दूसरे दिन होता है खरना. तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. जबकि चौथे दिन सुबह में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. साल में दो बार छठ पर्व मनाया जाता है. पहला चैत्र माह में और दूसरा कार्तिक माह में पड़ने वाला छठ, कार्तिक माह में आने वाले छठ पर्व का महत्व अधिक होता है।

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