हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी जंग ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। पशुपति पारस के बाद अब चिराग की पार्टी भी एनडीए का हिस्सा बन गई है। लोकसभा चुनाव में विपक्ष को धूल चटाने की रणनीति तय करने के लिए आज बीजेपी ने दिल्ली में एनडीए के तमाम दलों की बैठक बुलाई है। एक तरफ जहां पारस हाजीपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ बैठक से ठीक पहले चिराग पासवान ने बड़ा एलान करते हुए स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि वे हर हाल में हाजीपुर सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। चिराग पासवान ने कहा है कि पिछले दिनों केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात हुई थी। मुलाकात के दौरान हमने अपनी बातों को उनके सामने रखा। इसके बाद दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से हर मुद्दे पर बातचीत हुई। एक आम सहमति बनने के बाद ही एनडीए के साथ जुड़ने का फैसला लिया है। चिराग ने कहा कि हाजीपुर की सीट उनके लिए काफी अहम रही है, जिसको लेकर गठबंधन के अंदर चर्चा हुई है। 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी का ही प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा, इसमें किसी तरह का कोई संदेह नहीं है।
चिराग ने कहा कि पशुपति कुमार पारस मानें या नहीं मानें वे उनके चाचा हैं और हमेशा रहेंगे। पिता के जाने के बाद उनमें पिता की छवि देखी है। वे उम्र में बड़े हैं और उन्हें जो कहना है कह सकते हैं, दो साल बीत गए लेकिन कभी उनके या छोटे भाई के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। इस दौरान चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जोरदार हमला बोला और कहा कि नीतीश जिस गठबंधन में रहेंगे उसको नुकसान होना तय है।उधर, चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस और उनके भाई सांसद प्रिंस राज ने भी स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वे हाजीपुर और समस्तीपुर सीट पर कोई समझौता नहीं करने जा रहे हैं। पारस का कहना है कि रामविलास पासवान को चिराग पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाकर हाजीपुर से चुनाव लड़ने के लिए भेजा था। दोनों चाचा-भतीजा की बीच छिड़ी सियासी जंग ने बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है। ऐसे में चाचा-भतीजे के बीच सुलह कराना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।