केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस का अगले लोकसभा चुनाव में पत्ता साफ हो गया है. अपने ही भतीजे चिराग पासवान को चुनौती दे रहे पारस को आखिर भतीजे ने मात दे दी है. दिल्ली में आज चिराग पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. दोनों की मुलाकात में भाजपा और चिराग पासवान की पार्टी के बीच अगले लोकसभा चुनाव में समझौता फाइनल हो गया है. सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है वह ये है कि हाजीपुर लोकसभा सीट से पशुपति कुमार पारस का पत्ता साफ हो गया है.बता दें कि पिछले कई दिनों से बीजेपी और चिराग पासवान के बीच बातचीत चल रही थी. बीजेपी की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय न सिर्फ चिराग पासवान बल्कि पशुपति पारस से भी बात कर रहे थे।
बीजेपी ने पशुपति पारस को कहा था कि वह अपने भतीजे चिराग पासवान से समझौता कर लें लेकिन पारस ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया था. उधर चिराग अड़े थे कि वे पारस की लोकसभा सीट हाजीपुर से खुद चुनाव लड़ेंगे ही, इसके साथ साथ उन्हें वे सारी सीटें चाहिये जो पिछले लोकसभा चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी को दी गयी थी. भाजपा ने चिराग की बात मानीसूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने चिराग पासवान की मांगें मान ली है. कल रात भी बीजेपी के नेताओं ने चिराग से बात की थी. इससे पहले नित्यानंद राय कई राउंड की बातचीत कर चुके थे. भाजपा से सीटों पर सहमति बनने के बाद चिराग पासवान को आज अमित शाह ने मिलने के बुलाया. आज दोपहर चिराग पासवान ने अमित शाह से मुलाकात की. इसमें बीजेपी और लोजपा(रामविलास) के बीच अगले लोकसभा चुनाव को लेकर डील पक्की हो गयी. जानकार सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी ने क्लीयर कर दिया है कि हाजीपुर लोकसभा सीट चिराग पासवान को ही दी जायेगी. इसके अलावा उऩके हिस्से में चार और सीट आयेंगी. यानि चिराग पासवान को कुल मिलाकर पांच लोकसभा सीट दी जायेगी. चिराग इन सीटों में से दो पर अपने चाचा पारस के खेमे में गये दो सांसदों को अपना उम्मीदवार बना सकते हैं. पारस का पत्ता पूरी तरह साफउधर, पशुपति कुमार पारस का पत्ता पूरी तरह साफ हो गया है. सूत्र बता रहे हैं कि बीजेपी उनके लिए सिर्फ एक सीट छोड़ने को राजी है. उस पर भी संशय बना हुआ है. पारस का हाल ये है कि उनसे अब तक बीजेपी के किसी बड़े नेता ने सीटों के तालमेल को लेकर कोई बात नहीं की है. नित्यानंद राय ने उन्हें बीजेपी की ओर से प्रस्ताव दिया था कि वे चिराग पासवान से समझौता कर लें लेकिन पारस नहीं माने. इसके बाद भाजपा के किसी बड़े नेता ने पारस से बात नहीं किया है. इसका मतलब यही है कि भाजपा पारस को किनारे लगाने का इरादा बना चुकी है. सूत्र तो ये भी बता रहे हैं कि कुछ दिनों बाद नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. इसमें पारस को हटाकर चिराग पासवान को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. चिराग को पहले भी मंत्री बनने का ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने ये क्लीयर कर दिया था कि जब तक बीजेपी लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग फाइनल नहीं करती तब तक वे मंत्री नहीं बनेंगे. अब जब सीटों की शेयरिंग फाइनल हो गयी है तब चिराग के मंत्री बनने का भी रास्ता साफ हो गया है।