लगभग डेढ़ महीने बाद आज बिहार के सीएम नीतीश कुमार के तरफ से जनता दरबार का आयोजन किया गया है।आज के जनता दरबार में बिहार के तमाम जिलों से आए हुए लोगों की फ़रियाद सुन मुख्यमंत्री तमाम अपने अधिकारियों के साथ सुन रहे हैं।जनता दरबार के दौरान आज मुख्यमंत्री काफी गुसाते हुए नजर आए दरअसल में एक ऐसा मामला निकल कर सामने आया जब एक फरियादी ने शिक्षा विभाग में हो रही धांधली की शिकायत को लेकर सीएम के पास पंहुचा तो मुख्यमंत्री ने सारी बात सुनने के बाद काफी गुस्सा गए और अपने बगल में ही मौजूद अधिकारियों की क्लास लगाने लगे।फरियादी ने अपनी बात को रखते हुए सीएम नीतीश से कहा कि हम एक कॉलेज के प्रिंसिपल हैं।

और हमको अनुदान राशि नहीं दिया जा रहा है। इसके साथ हीं साथ मेरे साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है जिसको लेकर हम कॉलेज के रजिस्ट्रार और कुलपति से शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं होती है क्योंकि कॉलेज प्रबंधन में वैसे ही लोग बैठे हैं जो रजिस्ट्रार और कुलपति के करीबी है। फरियादी न बताया कि वह इससे पहले भी जनता दरबार में अपनी शिकायत लेकर आ चुका हैं और यहां से आदेश भी दिया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई है।दूसरी तरफ जब सीएम ने सभी बातों को सुना तो गुस्सा हो गए और कहा कि आप पिछली बार कब आए थे इसके जवाब में फरियादी ने बताया कि वह 2021 में आया था।तो सीएम ने कहा आप आए थे, यहां आए थे, हमसे मिले थे उसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। यह तो बड़ा ही अजीब बात है।फिर क्या था सीएम नीतीश ने प्रधान सचिव दीपक कुमार को अपने पास बुलाया और प्रधान सचिव दीपक कुमार से कहा कि, आप मोबाईले देखते रहिए. जरा इधर भी देख लीजिए।

सीएम को गुसाते देख दीपक कुमार मुख्यमंत्री के पास आयेे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि यह 2021 में आये थे।देखिए इस मामले को।फिर सीएम ने कहा – अरे जब यहीं बैठते हैं तो खाली मोबाइल में क्या करते रहते हैं। उसके बाद अधिकारी ने कहा कि सर क्या मामला है इस पर नीतीश कुमार ने कहा, कुछ हो उससे आपको क्या मतलब है पहले आप जरा देख तो लीजिए।ऐसा मामला पिछली बार भी आया था जब कई फरियादी दोबारा से अपने फरियाद को लेकर सीएम के पास पहुंचे हुए थे क्योंकि सीएम के आदेश के बाद भी मामले का निपटारा नहीं हो पाया था।

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