पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि उनके ‘‘पूर्वजों ने नहर के निर्माण के अक्षम्य अपराध’’ में शामिल होकर राज्य के लिए ‘‘कांटे बोये थे’’। दरअसल, एसवाईएल मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर बादल, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा समेत विपक्षी नेता इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
विपक्षी दलों के नेता आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर राज्य के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चार अक्टूबर को केंद्र से कहा था कि वह पंजाब में जमीन के उस हिस्से का सर्वे करे जो राज्य में एसवाईएल नहर के हिस्से के निर्माण के लिए आवंटित किया गया था। साथ ही निर्माण का आकलन भी करने को कहा था। कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल ने इस मुद्दे पर मान सरकार की आलोचना करते हुए पिछले कुछ दिनों में विरोध प्रदर्शन किया है। मान ने एक बयान में कहा कि विपक्षी नेताओं को अपने पूर्वजों के ‘‘पापों’’ को नहीं भूलना चाहिए और इस मुद्दे पर ‘‘मगरमच्छ के आंसू’’ नहीं बहाने चाहिए।