बिहार में आज से जातिगत जनगणना शुरू हो गया है।इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अपने बख्तियारपुर स्थित पैतृक गांव से जातीय गणना की शुरुआत करते हुए अपने संदर्भ में मौजूद तमाम कर्मियों को जानकारी देते हुए नजर आए। जातीय गणना के लिए उन्होंने अपने और परिवार के बारे में आंकड़ा दर्ज कराया।दूसरा चरण में कर्मियों के तरफ से कुल 17 सवाल का ज़बाब आम लोगों से पूछना है जिन तमाम सवालों का जवाब सीएम ने भी दिये। जिसके बाद जातीय गणना के दूसरे चरण की शुरुआत आज से हो गयी।
आपको बताते चले की पूरे बिहार में आज से यानी की 15 अप्रैल 2023 से आने वाला 15 मई 2023 तक जातीय गणना का काम चलेगा।इस दौरान घर-घर जाकर के कर्मियों के तरफ से जातीय गणना की जाएगी और कुल 17 सवाल लोगों से पूछ करके उसका ज़बाब डाटा में एंट्री करेंगे।वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि हम जहां जन्म लिये थे वही गणना कराने आएं हैं। उन्होंने कहा कि सबकों आगे बढ़ाना ही हमारा मकसद है। आगे सीएम नीतीश ने कहा की हम जातीय गणना इसलिए करा रहे है कि कोई पीछे ना छूट जाए। अपर कास्ट को भी 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। लोग बिना मतलब के भ्रम पाले हुए हैं। हमने कह दिया है कि जातीय गणना बहुत ही ठीक से कीजिएगा जहा गलती इसमें नहीं होनी चाहिए।
नीतीश ने कहा कि दूसरे राज्य भी जातीय गणना मॉडल को देखना चाहता है। दूसरे राज्यो के लोगों की भी यही इच्छा है कि उनके यहां भी जातीय गणना हो। जातीय गणना बहुत ही उपयुक्त चीज है।आगे सीएम ने कहा कि जातीय गणना विधानसभा और विधान परिषद में रखा जाएगा। वही जातीय गणना की जानकारी दी जाएगी। इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक की जाएगी। किसी को कोई भ्रम ना हो इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर हम जातीय गणना करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सारी पार्टियां देश में जातिगत गणना कराने की मांग को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से भी मिले थे लेकिन कहा गया कि केंद्र सरकार ऐसा नहीं करा सकती है हां यदि राज्य अपने पैसे से यह करा सकती है। अब देखने वाली बात होगी की गणना की रिपोर्ट बिहार में कब तक प्रकाशित की जाती है।