PM मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट ने नेचुरल गैस की कीमतें तय करने के लिए नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने जिस नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है, उसके तहत घरेलू नेचुरल गैस की कीमत अब इंडियन क्रूड बास्केट की कीमत के आधार पर तय होगी. जबकि, अब तक घरेलू नेचुरल गैस की कीमत दुनिया के चार बड़े गैस ट्रेडिंग हब-हेनरी हब, अलबेना, नेशनल बैलेसिंग प्वाइंटर (UK) और रूसी गैस की कीमत के आधार पर तय होती थी.नए फॉर्मूले के तहत हर महीने गैस की कीमत तय की जाएगी।

जबकि, पुराने फॉर्मूले के तहत हर छह महीने पर गैस की कीमत होती थी. इसके अलावा नए फॉर्मूले के तहत घरेलू नैचुरल गैस की कीमत के लिए इंडियन क्रूड बास्केट की पिछले एक महीने की कीमत को आधार बनाया जाएगा. इससे पहले पुराने फॉर्मूले के तहत दुनिया के चारों गैस ट्रेडिंग हब के पिछले एक साल की कीमत (वॉल्यू वेटेड प्राइस) का औसत निकाला जाता है और फिर इसे तीन महीने के अंतराल पर लागू किया जाता है.सरकार का दावा है कि नया फॉर्मूला लागू होने से PNG और CNG सस्ती हो होगी।

इससे घरेलू उपभोक्ता को ज्यादा स्थायी कीमत पर गैस मिलेगी. इसके अलावा फर्टीलाइजर बनाने वाली कंपनियों को सस्ती गैस मिलेगी, जिससे फर्टीलाइजर सब्सिडी घटेगी. नया फॉर्मूला लागू होने से ऊर्जा सेक्टर को सस्ती गैस मिलेगी. इसके साथ घरेलू गैस प्रोड्यूसर देश को ज्यादा उत्पादन करने के लिए बढ़ावा मिलेगा।इसके अलावा गैस प्रोड्यूसर को बाजार में उतार चढ़ाव से नुकसान नहीं होगा. गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी बढ़ोतरी से होने वाले नुकसान से ग्राहक को छुटकारा मिलेगा।नए कुएं की गैस की कीमत 20 फीसदी प्रीमियम रखने से ONGC और ऑयल इंडिया को नए निवेश के लिए बढ़ावा मिलेगा।

दरअसल, सरकार ने नया फॉर्मूला तय करने के लिए किरिट पारिख की अध्यक्षता में अक्टूबर, 2022 में कमेटी बनाई थी.इसी कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही सरकार ने ये फॉर्मूला तैयार किया है।कमेटी ने पुराने फील्ड से निकलने वाली गैस को जनवरी 2026 तक पूरी तरह डीकंट्रोल करने की सिफारिश की थी. जबकि, डिफिकल्ट फील्ड से निकलने वाली गैस को जनवरी 2027 तक डीकंट्रोल करने की सिफारिश की थी. इस डीकंट्रोल करने वाली सिफारिश पर कैबिनेट के फैसले में चुप्पी साध ली गई है।

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