दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने उपराज्यपाल विनय सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार द्वारा संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर विभिन्न विभागों में आम आदमी पार्टी के 437 कर्मचारियों की उच्च वेतन पर अवैध नियुक्तियों की आपराधिक जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने कहा है कि आप सरकार द्वारा अवैध रूप से काम पर रखे गए।
437 लोगों के वेतन पर खर्च किए गए करदाताओं के करोड़ों रुपये की रकम दोषी आप नेताओं और अधिकारियों से वसूल की जानी चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने एलजी को पत्र लिखकर आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने की भी अपील की है. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार में अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की मनमाने ढंग से नियुक्ति करके दिल्ली के युवाओं के साथ विश्वासघात किया है।
खुद को सबसे ज्यादा ईमानदार कहने वाले अरविंद केजरीवाल ने स्वार्थ और निजी हित की राजनीति के अलावा दिल्ली में कुछ नही किया है। संवैधानिक प्रक्रिया में उच्च पद पर मिलने वाले अधिकारी के वेतन से भी अधिक गैर कानूनी रूप से नियुक्त किए गए पार्टी समर्थकों को अधिकतम 2.65 लाख प्रतिमाह और न्यूनतम 60,000 रुपये वेतन पर आसीन करके अपराधिक काम किया है।अनिल चौधरी का दावा है कि आम दिल्ली में आप की सरकार से पूर्व में दिल्ली में कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों के मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, मदन लाल खुराना, सुषमा स्वराज, साहिब सिंह वर्मा और ने कभी भी अपने पद और पार्टी की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अवैध नियुक्तियां नहीं की। लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा चुनी हुई सरकार द्वारा असंवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर निजी लोगों की सीधी भर्ती करना एक अपराधिक मामला है. इस मामले में दिल्ली सरकार के उन अधिकारियों को भी दंडित किया जाना चाहिए, जिन्होंने अरविन्द केजरीवाल के निर्देश पर गैर कानूनी नियुक्तियों को अंजाम दिया।