बिहार के बाद अब पूरे देश में जातिगत गणना पर राजनीति शुरू होने वाली है ।दरअसल में बीजेपी पहले ही जातिगत गणना कराने से इंकार कर चुकी है लेकिन अब इस मुद्दा को कांग्रेस पार्टी ने पकड़ लिया है और इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाना चाहती है।2024 में लोकसभा का चुनाव होने वाला है लेकिन ठीक उससे पहले कांग्रेस पार्टी के तरफ से अब खुली मंच से जातिगत गणना कराने की मांग मोदी सरकार से की जाने लगी है।आज राहुल गांधी ने कर्नाटक के बीदर जिले के भालकी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा और साथ ही बासवन्ना के सहारे लिंगायत वोट बैंक को साधने की भी कोशिश करते हुए नजर आए।
राहुल गांधी ने मंच से ओबीसी जनगणना के आंकड़े जारी करने की भी मांग की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ‘भारत में अगर कोई पहली बार लोकतंत्र के लिए बोला और लोगों को राह दिखाई तो वो बासवन्ना जी थे। दुख की बात है कि आज आरएसएस और भाजपा के लोग लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं। बासवन्ना जी मानते थे कि सभी की सहभागिता हो, एक ऐसी जगह हो,जहां सभी मिलकर आगे बढ़ें लेकिन आज इस पर भाजपा और आरएसएस द्वारा हमला किया जा रहा है। वह नफरत और हिंसा फैला रहे हैं।आपको बताते चले की कर्नाटक में लिंगायत मतदाता की संख्या करीब 18 प्रतिशत हैं।
बासवन्ना, लिंगायतों के सबसे बड़े गुरु माने जाते हैं। बीएस येदियुरप्पा इसी वर्ग से आते हैं और लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। यही वजह है कि कर्नाटक में लिंगायत वोट बैंक पारंपरिक तौर पर भाजपा समर्थक माना जाता है।लेकिन आज राहुल ने जिस तरह से अपने संबोधन में बासवन्ना की तारीफ की है, उससे माना जा रहा है कि कांग्रेस, लिंगायत वोट बैंक को अपने पाले में करने की कोशिश में जुटी हुई है।आगे जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी ने कहा कि ‘अगर हम चाहते हैं कि इस देश में ओबीसी वर्ग आगे बढ़े और उन्हें अधिकार दिए जाएं तो इसके लिए पहला कदम है कि प्रधानमंत्री ओबीसी जनगणना के आंकड़े जारी करे। प्रधानमंत्री ऐसा कभी नहीं करेंगे क्योंकि वह नहीं चाहते कि ओबीसी का कल्याण हो। कांग्रेस को जब ये अवसर मिलेगा तो कांग्रेस ये काम तुरंत करेगी।हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खगड़े ने बीते दिन हीं पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर जनगणना कराने की मांग की है।और आज राहुल गांधी ने इस मांग को मंच से करते हुए मोदी सरकार पर दबाव बनाने का काम शुरू कर दिया है।