संसद के विशेष सत्र का तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक पर बहस की शुरुआत हुई। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि ये मेरे पति राजीव गांधी का सपना था। इसके साथ ही उन्होंने जाति जनगणना की मांग भी की। सोनिया गांधी ने कहा, ‘यह मेरे जीवन का भी एक भावनात्मक क्षण है। पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं का प्रतिनिधित्व तय करने के लिए संवैधानिक संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी द्वारा लाया गया था। लेकिन सात वोटों से राज्यसभा में गिर गया था।’ उन्होंने आगे कहा कि बाद में, पीएम पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने इसे राज्यसभा में पारित कर दिया। परिणामस्वरूप, हमारे पास स्थानीय निकायों के माध्यम से देश भर में 15 लाख निर्वाचित महिला नेता हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राजीव गांधी का सपना अभी केवल आधा पूरा हुआ है। इस विधेयक के पारित होने के साथ पूरा हो जाएगा।सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है। विधेयक के पारित होने को लेकर हम खुश हैं, लेकिन हमें चिंता भी है। उन्होंने कहा, ‘मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं कि भारतीय महिलाएं पिछले कुछ समय से अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का इंतजार कर रही हैं। अब उन्हें कुछ साल और इंतजार करने को कहा जा रहा है। कितने साल? दो, तीन या आठ.. कितने वर्ष? क्या भारतीय महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार उचित है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि बिल को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए, लेकिन जाति जनगणना भी कराई जाए और एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की जाए।