हाल ही में रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष खराब डायलॉग, खराब किरदारों के चित्रण को लेकर काफी विवादों मे रही है. महाकाव्य रामायण पर बेस्ड इस फिल्म को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया जा रहा है. लेकिन एक दौर था जब रामायण टेलीविजन सीरीज के दर्शक सचमुच राम-लक्ष्मण-सीता को भगवान के रूप में देखते थे. सीता का किरदार निभाने वाली दीपिका चिखलिया और रामानंद सागर की रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का भगवान मानकर ही लोग पूजने लगे थे और उनके पैर भी छूते थे।

रामानंद सागर की रामायण की सीता यानी दीपिका चिखलिया की बात करें तो उन्हें एक सीरियल में चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में काम करने का मौका मिला था लेकिन उनकी फैमिली ने इसे ठुकरा दिया क्योंकि उन्हें लगा कि इससे उनकी पढ़ाई का नुकसान होगा. दीपिका का सिनेमाई करियर तब शुरू हुआ जब उन्होंने अपनी स्कूली एजुकेशन कंपलीट कर ली थी ।

1983 में राजश्री बैनर की फिल्म “सुन मेरी लैला” से उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत की थी. लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं कर सकी. इसके बाद दीपिका ने ‘घर संसार’, ‘भगवान दादा’ और ‘पत्थर’ जैसी कई फिल्में की. लेकिन ये सभी फ्लॉप रहीं. उन्होंने रात के ‘अंधेरे’ और ‘चीख’ जैसी फिल्मों के लिए भी डील साइन की. इन फिल्मों में उन्होंने कुछ बोल्ड सीक्वेंस भी दिए थे. टेलीचक्कर की रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से एक फिल्म में बाथटब सीन भी था।

दीपिका की शक्ल बेहद खूबसूरत थी, लेकिन काम की कमी की वजह से उन्होंने समझौता करने का फैसला किया और कई खराब फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था. रामायण में ‘सीता’ की भूमिका निभाकर दीपिका को शोहरत तो खूब मिली लेकिन इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा था.दरअसल रामायण में ‘सीता’ का रोल करने के बाद दीपिका को कोई भी अपनी फिल्म में लेने को तैयार नहीं था. इस भूमिका की वजह से उन पर रोमांटिक पल नहीं फिल्माए जा सकते थे. इस तरह दीपिका के बॉलीवुड की एक्ट्रेस बनने की ख्वाहिश ‘सीता’ के रोल को करने की वजह से पूरी ना हो सकी थी।

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