महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने 2019 के गठबंधन पर शरद पवार को लेकर कई बड़े दावे किए हैं. उन्होंने अजित पवार के साथ महागठबंधन को लेकर कई खुलासे किए हैं. 2019 के गठबंधन में शरद पवार की क्या भूमिका थी इसपर भी उन्होंने टिप्पणी की है. देवेंद्र फडणवीस के इस बयान के बाद पूरे राजनीतिक गलियारे में चर्चा छिड़ गई है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में मुंबई 2023 में बोलते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘कोई भी सरकार चलाना एक चुनौती होती है. एक पार्टनर हो दो पार्टनर हो या नौ पार्टनर हो. तब भी चुनौतियां तो होती है. मुझे ऐसा लगता है की बीजेपी को अपने पार्टनर के साथ सरकार चलाने का लंबा अनुभव है. कभी अच्छा होता है कभी बुरा होता है. कभी चीजें आपके मन अनुसार होती है तो कभी नहीं होती है।

फडणवीस ने कहा, ‘2019 में जिस समय शिवसेना ने हमको धोखा देकर कांग्रेस और एनसीपी के साथ बातचीत शुरू की और ये ध्यान में आया की अब उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की कुर्सी बुला रही है और ये कोई अपने साथ आने वाले नहीं हैं. उस समय हमलोग ये विचार कर रहे थे की इसके ऊपर हम क्या उपाय कर पाए. इस समय एनसीपी से कुछ लोगों ने मेरे सामने ये प्रपोजल रखा की हमलोग आ सकते हैं क्योंकि हमलोग तीन पार्टियों की सरकार नहीं चाहते हैं. हम एक स्थिर सरकार चाहते हैं. फिर मैंने कहा कि ठीक है मैं चर्चा करके आगे कुछ कहूंगा. फिर चर्चा भी हुई.’डिप्टी सीएम ने कहा, ‘इसके बाद शरद पवार के साथ हमारी बैठक हुई. शरद पवार ने ये कहा की हम बीजेपी के साथ आएंगे. हमने ये तय किया. जिम्मेदारी मुझपर और अजित पवार पर डाली गई. हमने बैठकर गठबंधन कैसा होगा, किसको कैसा पोर्टफोलियो मिलेगा, किसके पास कौन से जिले जायेंगे ये सारी चीजें तय की. फिर गठबंधन करने की प्रक्रिया में ये भी तय हुआ कि चूंकि दिन खत्म होते हैं तो उसके बाद सरकार बनने को थोड़ा समय लगता है तो राष्ट्रपति शासन लगना पड़ेगा, तो लगा दिया जाए. सोच समझकर राष्ट्रपति शासन भी लगा. उसके बाद सुबह में शरद पवार ने अपना निर्णय बदल लिया. फिर अजित पवार को ये लगा की ये सही नही है क्योंकि हम इतने आगे बढ़ चुके हैं और इसके बाद निर्णय को बदलना विश्वासघात होगा, ऐसा अजित पवार को लगा.’देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘राष्ट्रपति शासन लगाने का आइडिया ही शरद पवार का था. शरद पवार ने कहा, देखो मैं इतनी जल्दी यूटर्न नहीं ले सकता. आप राष्ट्रपति शासन लगाइए. राष्ट्रपति शासन लगने के बाद मैं महाराष्ट्र का दौरा करूंगा और फिर मैं ये भूमिका लूंगा की महाराष्ट्र को एक स्थिर सरकार चाहिए. इसलिए हम बीजेपी के साथ जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *