पटना: जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने आज पटना में प्रेस वार्ता के दौरान बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा कि संत समाज में नफरत और अंधविश्वास के बीज नहीं होते हैं। संत किसी पार्टी विशेष के एजेंडे पर काम नहीं करते हैं। साल 2014 में भी एक बाबा ने देश के लोगों को महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, अशिक्षा दूर करने का भ्रम पैदा किया था उसका क्या हश्र है आज सभी को मालूम है। उसी तरह आसाराम नागपाल रामरहीम जैसे बाबाओं को हत्या और बलात्कार के मामले में जेल की सजा हो चुकी है जिनके साथ बीजेपी नेताओं द्वारा खूब मंच साझा किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि अब 2024 के चुनाव को लेकर 1 एजेंडे के तहत बागेश्वर धाम से एक बाबा आए हैं जो अंधविश्वास फैला रहे हैं और सनातन धर्म को कलंकित करने का काम कर रहे हैं।

इसलिए जब धर्म के नाम पर खालिस्तान की मांग करने वाले अमृतपाल की गिरफ्तारी हो सकती है तो धर्म के नाम पर देश की मांग करने वाले ढोंगी बाबा को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है?पप्पू यादव ने कहा कि बिहार, शून्य का ज्ञान दुनिया देने वाले आर्यभट्ट, शांति का पाठ दुनिया को पढ़ाने वाले महात्मा बुद्ध, अहिंसा की राह पर चलने वाले जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान महावीर, मानवता की रक्षा को सर्वस्व न्योछावर करने वाले गुरु गोविंद सिंह जी, शंकराचार्य को शास्त्रार्थ में प्राप्त करने मां भारती और लव कुश को अभिमान की सीख देने वाली माता मां जानकी की माटी से है और इस माटी पर संत के नाम नफरत और विद्वेष से मानवता को कलंकित नहीं होने दे सकते। हमारे लिए संत, महर्षि वाल्मीकि, रविदास गुरु नानक, तेग बहादुर सिंह, रामकृष्ण परमहंस, विवेकानंद ऐसे महापुरुष है जिन्होंने विज्ञान और अध्यात्म के सामंजस्य से मानव कल्याण की बात की और आज भी हम उन्हीं के आदर्शों पर चलना पसंद करते हैं। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि देश को राजस्थान वाले विरेंद्र धाम की जरूरत है जहां गरीब दलित और कमजोर लोगों के पढ़ाई और स्वास्थ्य की व्यवस्था है ना की मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम की जो अंधविश्वास और सनातन धर्म को बदनाम करने में लगा है। उन्होंने साफ-साफ पूछा कि अगर इतने ही चमत्कारी हैं तो बिहार को बाढ़ से मुक्ति दिला दें। बिहार में फैक्ट्री लगवा दें। बिहार से गरीबी खत्म करवा दें। यहां के लोगों की आय ₹40000 पर कैपिटा इनकम करवा दें। चीन और पाकिस्तान की सीमा से सैनिक हटाकर वहां शांति बहाल करा दें। इतना भी नहीं तो कम से कम दलाल, माफिया और भ्रष्टाचारियों से ही देश को मुक्ति दिला दे। अगर यह नहीं करा सकते हैं तो किस चीज का चमत्कार? जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के चुनाव कैंपेन पर भी तीखा प्रहाड़ किया और कहा कि धर्म के नाम पर वोट मांगना कानूनन अपराध है, लेकिन चुनाव आयोग ने जिस तरह से अपने आंखों पर पट्टी बांध ली है और बहरी हो गई है वह संविधान और देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

पप्पू यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कर्नाटक का प्रधानमंत्री बता दिया और कहा कि देश को एक पूर्णकालिक प्रधानमंत्री की जरूरत है। पप्पू यादव ने कहा कि मणिपुर में डबल इंजन की सरकार है और मणिपुर जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ट्वीट करना तक गवारा नहीं है? क्या मणिपुर की जनता 140 करोड़ की गिनती में नहीं है? क्या जिनकी विभिन्न तरह की घटनाओं में मौत हो रही है वह इस देश के नहीं है? क्या जिन बेटियों के मेडल के साथ प्रधानमंत्री फोटो खिंचवाते हैं वह इस देश के नहीं है? आखिर क्यों गृह युद्ध की स्थिति के बावजूद भी प्रधानमंत्री का एक ट्वीट तक नहीं आता और वह पूरी और संवेदनशीलता के साथ कर्नाटक में बजरंग बली को उस बलात्कारी विनय कटियार के संगठन बजरंग दल के साथ स्थापित करने और केरल की भ्रामक स्टोरी को फैलाने में लगे हैं? देश की तमाम समस्याओं के बावजूद बड़ी नृशंसता और निर्ममता के साथ प्रधानमंत्री कर्नाटक के प्रधानमंत्री के रूप में रोड शो करते नजर आते हैं जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए कि वह जनता से किए अपने वादों को निभाने में असफल रहे और आज चुनाव जीतने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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