जम्मू-कश्मीर में पिछले कई वर्षों से राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। आखिरी सरकार वहां महबूबा मुफ़्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन की थी। इनका गठबंधन टूटा और राज्य में विधानसभा भंग करके राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। इसके बाद 2019 में इसे केंद्र शासित राज्य घोषित कर दिया गया और तब से यहां उपराज्यपाल शासन चला रहे हैं। इसके बाद कई बार यहां चुनाव कराने की मांग की जा चुकी है।अब संकेत मिल रहे हैं कि राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। ऐसे संकेत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई एक बैठक के बाद मिल रहे हैं। यह बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर हुई। इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं के अलावा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राज्य स्तर के कई बीजेपी नेताओं ने भाग लिया। जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर यह बैठक लगभग 2 घंटे तक चली। जानकारी के अनुसार, इस बैठक में LG मनोज सिन्हा, कविंदर गुप्ता, निर्मल सिंह, देवेंद्र राणा, प्रदेश प्रभारी तरुण चुग और आशीष सूद समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे।
इसके साथ ही इस बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। इस बैठक का मुद्दा निकाय चुनाव समेत अन्य सभी चुनाव था।वहीं नगर निगम, पंचायत और यूएलबी के चुनाव से पहले ढाई लाख से अधिक नए मतदाता भी सूची में जोड़े गए हैं। जानकारी के मुताबिक इस बार करीब 20 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जबकि वर्ष 2018 में नगर निगम चुनाव मतदाताओं की संख्या 17 लाख के आसपास थी। सूत्रों के अनुसार, चुनाव के लिए मतदाता पुनरीक्षण के बाद यूटी में 19,14,383 महिला व पुरुष मतदाता बने हैं। 2018 के चुनाव में इनकी संख्या 16,57,895 थी। इस बार 2,56,488 मतदाता बढ़े हैं।