देश की राजधानी दिल्ली में प्याज की कीमत अभी भी तेजी की राह पर हैं। राष्ट्रीय राजधानी में प्याज (onion) मंगलवार को भी महंगा बना रहा क्योंकि औसत खुदरा कीमत 78 रुपये प्रति किलो बनी हुई है। जबकि प्याज के निर्यात पर अंकुश लगने के बाद सबसे बड़ा सप्लायर राज्य महाराष्ट्र में थोक कीमतें नरम हुए हैं। यहां कीमतों में 4-10 प्रतिशत तक कमी का रुझान देखा गया है। भाषा की खबर के मुताबिक, अखिल भारतीय औसत खुदरा प्याज की कीमतें सोमवार के मुकाबले 3.40 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर मंगलवार को 53.75 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं।खबर के मुताबिक, दिल्ली में प्याज की कीमतें 25 अक्टूबर से बढ़नी शुरू हुईं। तब कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम थीं जो 29 अक्टूबर को सीधे दोगुनी होकर 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 30 अक्टूबर को कीमतें मामूली रूप से गिरकर 78 रुपये प्रति किलोग्राम रह गईं और मंगलवार को भी इसी स्तर पर बनी रहीं।दिल्ली में प्याज की औसत खुदरा कीमतें फिलहाल बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुकाबले सबसे पीक पर चल रही हैं। कीमतों में दूसरी सबसे ज्यादा बढ़ोतरी गोवा और पुडुचेरी में हुई जहां मंगलवार को औसत खुदरा कीमत 72 रुपये प्रति किलोग्राम थी। दूसरे राज्यों में प्याज की खुदरा कीमतें 41-69 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में थीं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र में 15-20 लाख टन रबी फसल का स्टॉक एक महीने की मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त है। यह स्टॉक उपलब्ध होने के बावजूद देश भर में थोक और खुदरा दोनों बाजारों में कीमतें सट्टेबाजी के चलते बढ़ी हैं।सूत्रों के मुताबिक, घरेलू मांग को पूरा करने के लिए पुरानी फसल का पर्याप्त स्टॉक है और सरकार ने पांच लाख टन का बफर स्टॉक भी बना रखा है। दिसंबर के आखिर तक के लिए प्याज(onion) पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाने से खासकर महाराष्ट्र में कीमतों (onion price in Maharashtra)को घटाने में मदद मिल रही है। मंडियों में खरीफ की फसल कम मात्रा में आनी शुरू हो गई है लेकिन नवंबर के दूसरे सप्ताह से प्रमुख उत्पादक राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से बड़ी मात्रा में प्याज की आवक शुरू हो जाएगी।

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