मॉनसून सत्र के तीसरे दिन आज किसान सलाहकारों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर मारा. किसान सलाहकार विधानसभा मार्च के लिए निकले थे. किसान सलाहकारों को पुलिस ने आर ब्लॉक के पास रोक लिया. कुछ देर तक किसान सलाहकार अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. पुलिसकर्मी उन्हें शांत रहने की बात कह रहे थे लेकिन वे अपनी मांगों को लेकर लगातार नारेबाजी कर रहे थे. अंत में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया.किसान सलाहकारों की मांग है कि उन्हें जनसेवक के पद पर समायोजित किया जाए. अपनी मांगों को लेकर सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे. किसान सलाहकारों का कहना है कि 13 साल से हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

अपनी मांगों को लेकर आज हमलोग विधानसभा घेराव करने के लिए पहुंचे हैं. सरकार से अपील करते हुए किसान सलाहकारों ने कहा कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाए. कहा कि हमारी सारी मांगें जायज हैं. अभी तक इस मामले में सरकार की ओर से किसी तरह का आश्वासन भी नहीं मिला है. अगर हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज होगा.वहीं इस मामले में एसडीएम सदर श्रीकांत कुंडलीक खांडेकर ने कहा शुरुआत में हल्का-फुल्का बल प्रयोग किया गया. किसान सलाहकारों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए हमने पहले उन्हें समझाने की कोशिश की और कहा कि आप लोग गर्दनीबाग धरना स्थल चले जाएं. जब वह नहीं माने तो उन पर हमने हल्का बल प्रयोग किया. कुछ गिरफ्तारियां भी हुई है क्योंकि उन लोगों ने धारा-144 की अवहेलना की है. बता दें कि इसके पहले कल मंगलवार (11 जुलाई) को नियोजित शिक्षकों ने भी प्रदर्शन किया था. सरकार से राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग की थी।

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