पंजाब में एक बार फिर किसान सड़क पर उतर आए हैं। पंजाब के 16 किसान संगठनों ने मंगलवार से चंडीगढ़ में बड़े प्रदर्शन का एलान किया है। किसानों ने चंडीगढ़ कूच कर दिया है। जगह-जगह पर पुलिस उन्हें रोकने में लगी है। उधर, संगरूर जिले के लोंगोवाल में आंदोलन कर रहे किसानों और पुलिस में झड़प हो गई। इसमें एसएचओ दीपइंदर सिंह जेजी समेत कई पुलिसकर्मी और किसान घायल हैं। एक किसान प्रीतम सिंह की मौत हो गई है। भारतीय किसान यूनियन आजाद के जिला स्तरीय प्रतिनिधि जसवीर सिंह मेदेवास ने बताया कि गांव मंडेर के किसान प्रीतम सिंह आंदोलन में सुबह से ही साथ रहे। लोंगोवाल से बड़बड़ जाते वक्त पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें प्रीतम सिंह समेत कई किसान गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रीतम सिंह को तुरंत संगरूर अस्पताल ले जाया गया। वहां से उन्हें पटियाला रेफर कर दिया गया। मगर प्रीतम सिंह की जान नहीं बची। वहीं सुनाम सिटी थाने के एसएचओ दीपइंदर सिंह जेजी समेत कई पुलिसकर्मी भी घायल हैं एसएचओ को गंभीर चोट आई है।
पुलिस का कहना है कि किसानों ने एसएचओ पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया है। बता दें कि पंजाब में बाढ़ से इस बार भीषण तबाही मची है। किसान संगठन नुकसान के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। 22 अगस्त से चंडीगढ़ में स्थायी मोर्चा लगाने का एलान भी 16 किसान संगठन कर चुके हैं। इससे पहले पुलिस ने रविवार रात को ही छापेमारी कर किसानों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। इससे नाराज किसान संगठन सड़क पर उतर आए। सुनाम विधानसभा क्षेत्र के कस्बा लोंगोवाल में सोमवार सुबह से ही संगठनों और पुलिस के बीच स्थिति तनावपूर्ण रही। नामोल और मेदेवास में भी पुलिस ने नाकेबंदी कर रखी है। पुलिस से बचकर निकले भारतीय किसान यूनियन एकता आजाद के नेता जसवीर सिंह मदेवास और हैप्पी नमोल ने कहा कि प्रदेश की भगवंत मान सरकार ने किसानों को चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने से रोकने के लिए नेताओं को गिरफ्तार कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है। उन्होंने कहा कि 16 किसान संगठन मिलकर संघर्ष कर रहे हैं और बाढ़ पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार ने भी पिछली सरकारों की तरह रास्ता अपनाया है। मोगा से भी किसान चंडीगढ़ को रवाना होने लगे हैं। पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश में जुटी है। वहीं किसान भी अपनी जिद पर अड़े हैं। कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। फिरोजपुर रोड पर किसान गुरुद्वारा श्री तंबुमल के पास जुटे और चंडीगढ़ कूच किया। यहां पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखा था। किसानों ने बैरिकेड तोड़ दिया और आगे बढ़ने लगे। वहीं गांव दुनेके के पास भी पुलिस ने एक बड़ा नाका लगा रखा था। सड़क पर ट्रक खड़ा कर जाम लगा दिया गया ताकि किसान आगे न बढ़ सके। नाके नाजकारी मिलते ही किसानों ने अपना काफिला मोड़ लिया। गांवों के रास्ते से गांव मेहना पहुंचे और यहां लुधियाना रोड को किसानों ने जाम कर दिया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। कपूरथला में सोमवार को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेताओं ने प्रदर्शन किया। यहां पुलिस ने 44 किसानों को हिरासत लिया। इसके बाद किसान संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया और थानों का घेराव शुरू कर दिया। जोन नडाला अध्यक्ष निशान सिंह और जिला महासचिव निर्मल सिंह ने बताया कि उनके संगठन के नेताओं को रविवार को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनकी रिहाई के लिए संगठन से मिले आदेश के अनुसार नौ टोल प्लाजा पर पंजाब के किसान संगठन शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान ढिलवां टोल प्लाजा पर भी किसान शांतिमय ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे। मगर पुलिस ने किसानों को हिरासत में लिया। पुलिस ने भुलत्थ थाने में 16, बेगोवाल में 18 और ढिलवां थाने में 18 किसान को हिरासत में रखा है। निशान सिंह ने कहा कि अगर किसानों को रिहा नहीं किया गया तो संगठन बड़े स्तर पर संघर्ष करने को मजबूर होगा। भुलत्थ के डीएसपी भारत भूषण सैनी ने बताया कि उक्त किसान ढिलवां टोल प्लाजा पर धरना दे रहे थे। वहां पर हालात न बिगड़े, इसलिए एहतियातन यह कदम उठाया गया है।