मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किनारा कर लिया है. उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. कमलनाथ एमपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हैं. माना जा रहा था कि वह फिर से मुख्यमंत्री की रेस लड़ेंगे लेकिन उनके मौजूदा ऐलान से पार्टी कार्यकर्ता भी हैरान हैं. सूत्रों के हवाले के मुताबिक, कमलनाथ ने हालांकि स्पष्ट किया है कि वह राज्य चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार-प्रसार करेंगे. कमलनाथ विधानसभा चुनाव लड़कर अपना समय सिर्फ़ छिन्दवाडा में नहीं देना चाहते.माना जा रहा था कि कमलनाथ राज्य में कांग्रेस पार्टी के सीएम फेस हैं.राहुल गांधी ने शनिवार की एमपी रैली में कमलनाथ के सीएम कैंडिडेट होने का ऐलान किया था. सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद प्रचार-प्रसार की पूरी जिम्मेदारी सिर्फ़ कमलनाथ के कंधों पर है. कमलनाथ ने हाल ही में एक प्रेस कॉनफ्रेंस में उम्मीदवारों पर बात की थी. उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया है और बस लिस्ट जारी करने की देर है. उन्होंने कहा कि संबंधित कैंडिडेट को भी इस बारे में जानकारी दे दी गई है.राज्य विधानसभा चुनाव में कमलनाथ काफी एक्टिव नजर आ रहे थे. शुरू से ही वह राज्य में पार्टी का मोर्चा संभाले हुए थे।
पार्टी को जीत दिलाने की जद्दोजहद में उन्होंने मतदाताओं को लुभाने वाले भी कुछ कार्यक्रम आयोजित किए. पूर्व सीएम को धीरेंद्र शास्त्री के लिए भी रेड कार्पेट बिछाना पड़ा. तभी से यह समझा जा रहा था कि कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ ही चेहरा होंगे.हालांकि, यह फैसला खुद कमलनाथ का है या कांग्रेस पार्टी का, इस बारे में फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं किया जा सकता. हाल ही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की खिल्ली उड़ाई थी. बीजेपी की दो लिस्ट में सीएम का ने सवाल उठाए. कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रमोद तिवारी ने इसे शिवराज सिंह चौहान का अपमान बताया. माना जा रहा था कि चुनाव में कमलनाथ मुख्यमंत्री को टक्कर देंगे।