वेबपोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के मामले को सुप्रीम कोर्ट में रखते हुए कहा कि 73 साल के पत्रकार को बिना नोटिस के गिरफ्तार किया गया है. हाई कोर्ट ने भी राहत नहीं दी.दरअसल गिरफ्तारी को वैध बताने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कपिल सिब्बल ने कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है. इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगे. हाई कोर्ट ने शुक्रवार को यूएपीए के तहत दोनों की गिरफ्तारी और उसके बाद पुलिस हिरासत में भेजे जाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.पुलिस की कार्रवाई को चुनौती देने वाली प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती की याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस तुषार राव गेडेला ने कहा था, “अदालत को दोनों याचिकाएं सुनवाई के लिए योग्य नहीं लगीं.” बता दें कि इन दोनों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद में इन लोगों ने गिरफ्तारी और सात दिन की पुलिस हिरासत के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की और राहत के तौर पर तत्काल रिहाई की मांग की थी. निचली अदालत ने 10 अक्टूबर को उन्हें 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
एफआईआर के मुताबिक, भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ विद्रोह को बढ़ावा देने के लिए न्यूज पोर्टल को बड़ी मात्रा में चीन से फंड मिला था. एफआईआर में आरोप लगाया गया कि पुरकायस्थ ने पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (PADS) ग्रुप के साथ 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश रची थी.पुलिस ने कहा कि एफआईआर में दर्ज नामों और डेटा के विश्लेषण में सामने आए संदिग्धों पर 3 अक्टूबर को दिल्ली में 88 और अन्य राज्यों में सात जगहों पर छापेमारी की गई. इस दौरान कई पत्रकारों की जांच की गई. पुलिस ने बताया, “न्यूजक्लिक के ऑफिस और जिन पत्रकारों की जांच की गई उनके आवासों से लगभग 300 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी जब्त किए गए. छापे के बाद विशेष सेल 9 महिला पत्रकारों सहित 46 लोगों से दिल्ली-एनसीआर में पूछताछ की।