सुप्रीम कोर्ट आज आर्टिकल 370 हटाने के फैसले फसलों को चुनौती देने वाली 20 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जज की बेंच इस मामले में सुनवाई करेगी। जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बिआर गबई और जस्टिस सूर्यकांत का नाम शामिल है।दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की कानूनी वैधता को चुनौती देने की मांग की गई है, जिसने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था और 5 अगस्त 2019 के राष्ट्रपति के आदेश ने संविधान के अनुच्छेद 370 (जिसने तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा दिया) को रद्द कर दिया था। अब आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट दो दर्जन से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
मालूम हो कि, केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा दिया था, जिसके बाद अक्टूबर 2020 से संविधान पीठ ही इस मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले जम्मू कश्मीर में जल्द विधानसभ चुनाव कराने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ये कह कर खारिज कर दिया था कि- पहले हम धारा 370 को हटाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे उसके बाद ही अन्य याचिकाओं पर विचार किया जाएगा। ऐस में आज का दिन काफी अहम होने वाला है, सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पर टिकी है। इधर, इस सुनवाई को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि अब जम्मू-कश्मीर के लोगों को न्याय मिलेगा। महबूबा मुफ्ती ने कहा था, आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साफ हुआ कि इसे सिर्फ जम्मू-कश्मीर की विधानसभा की सिफारिश पर ही रद्द किया जा सकता है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 370 को लेकर कहा था, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने से उम्मीद जागी है कि हमसे छीने गए अधिकार वापस मिलेंगे। उन्होंने कहा कि, हम कानूनी प्रक्रिया के जरिए अपना अधिकार वापस चाहते हैं. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा।