यूपी: जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में आए दिन पटाखे फोड़ने का सिलसिला जारी है वह बेहद निंदनीय और चिंतनीय है। हम योगी सरकार की कड़ी निन्दा करते हैं।अक्सर आपने देखा होगा कि एक ही इलाके में दो दो गुंडे नही रह सकते है। अपने आस पास के इलाकों में नजर दौड़ाएंगे तो पाएंगे कि अगर दो गुंडे रहते है तो उनमें कभी नही बनती और रात दिन एक दूसरे के जान के प्यासे होते है, कब कौन किसको मार ले जाय, बस इसी फिराक में लगे रहते है। हर गुंडा अपनी एकछत्र हुकूमत चाहता है वह भी असंविधानिक तरीके से।वैसे तो उत्तर प्रदेश में गुंडों की कमी नही है, हर इलाके में आपको देखने को मिल जायेगे, जिनसे आप परेशान और शोषित भी होंगे। यहां तक कि कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर इन्ही गुंडों का कब्जा भी है।

आप चुनाव लडेंगे तो या तो आपको मार दिया जाता है या फिर सभी वोट अपने पक्ष में डलवा लिया जाता है। हर स्तर पर अच्छा और आम व्यक्ति नाकाम हो ही जाता है।अब सवाल यह उठता है कि आजादी से अब तक की सरकारों ने चाहे वह प्रदेश सरकार हो या केंद्र सरकार, इन गुंडों के खिलाफ क्या एक्शन लिया है ? बात यह स्पष्ट होती है कि अभी तक की सरकारें इन्ही गुण्डो के बल चलती रही है। गुण्डो को टिकट देकर राजनीतिक पार्टियों का अपना अपना दबदबा बनाने होड़ जारी अभी तक है । जमीन पर काम करने की जरूरत नही समझते है। आम जनता स्वाभिमान से नही मजबूरी में वोट करती है और मजबूरी में जी रही है।आज की वर्तमान योगी सरकार सरकार ने गुंडागर्दी का नया माडल पेश किया है। इस सरकार में कुछ नया तो करना ही था, अज्ञानी व्यक्ति से पावर के सदुपयोग की उम्मीद नही की जा सकती है, कुछ भी कर लो करेगा दुरुपयोग ही।

योगी जी जो बचपन से गुंडागर्दी के परिवेश में पले बढ़े है, उनका रिकॉर्ड ही अपराधिक रहा है तो उनसे उम्मीद ही क्या की जाय। बीजेपी के गुंडागर्दी का नया माडल यह है कि छोटे छोटे गुण्डो को या तो बीजेपी में मिला लो या मार दो, उनके घर गिरा दो, उन्हे हर स्तर पर परेशान करो ताकि मजबूत होकर घुटने टेक दे। इस दायरे में विपक्षी पार्टियां और बीजेपी की कुनितियो का विरोध करने वाले भी आते है। इस काम को अंजाम देने के लिए योगी सरकार अपने पालतू गुण्डो और उत्तर प्रदेश पुलिस का इस्तेमाल कर रही है।यह सभी जानते है कि उत्तर प्रदेश पुलिस के रग रग में भ्रष्टाचार है, 112 नंबर की पुलिस 100 रुपए में लौट जाती है, जन सुनवाई पोर्टल केवल टाइम पास और दिखावे का साधन मात्र है, होता कुछ भी नही। उस पर इनका ध्यान नहीं है लेकिन पुलिस को हथियार बनाकर योगी सरकार अपने गुण्डो को ही नही विपक्ष को खत्म कर रही है। ताजा उदाहरण दे तो अतीक और उसका परिवार अगर अपराधी है तो सजा का संविधानिक तौर तरीका है लेकिन नही, जबरन एनकाउंटर कभी अपने गुण्डो के बल पर तो कभी पुलिस बल द्वारा, बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है, न्यायालय मौन व्रत है, न्याय की धज्जियां उड़ रही है। अन्याय का परचम लहरा रहा है। उचित जांच हो तो सभी कृत्य असंविधानिक साबित होंगे लेकिन करेगा कौन और करवाएगा कौन यहां से दिल्ली तक गुंडों का ही राज है। जो ईमानदार है उनके पास पावर नही। आम जनता को क्या लगी है उसे तो अपना पेट पालना ही भारी पड़ रहा है ऐसी निकम्मी सरकार में।क्या यही राम राज है कि गुंडे गोलियां मार कर जय श्री राम बोलते है तो उनको समुचित सुरक्षा मिल जाती है, जहां राम का नाम गौरवान्वित करना चाहिए वही पर योगी सरकार राम को अपमानित करने का कुकर्म कर रही है जो बेहद निंदनीय है। हिंदू संप्रदाय को अपमानित कर रहे है।

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