बिहार में नियोजित शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों का बहुत बड़ा आंदोलन होने जा रहा है। बिहार विधानसभा से 500 मीटर दूर गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल पर सरकार के नहीं चाहते हुए भी अभूतपूर्व भीड़ जुट चुकी है। हंगामे की आशंका से गृह विभाग के हाथ-पांव फूले हुए हैं। पटना को एक तरह से नजरबंद कर देने के बावजूद यह भीड़ गर्दनीबाग पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ती ही जा रही है। हर तरफ से इन्हें विधानसभा की ओर जाने से रोकने की तैयारी है, लेकिन भीड़ करो या मरो के अंदाज में है।नई शिक्षक नियमावली में सुधार की मांग को लेकर कई शिक्षक अभ्यर्थी गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं। वह बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। यहां करीब हजार से अधिक अभ्यर्थी मौजूद दिखे। अभ्यर्थी विधानसभा घेराव की तैयारी में हैं। हालांकि, पटना प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है। शिक्षक अभ्यर्थी विधानसभा घेराव की तैयारी में हैं। शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार सरकार से कहा कि नियोजित शिक्षकों का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नियोजित शिक्षकों को जल्द से जल्द राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए।इधर, गांधी सेतु और दीघा के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दिया है ताकि शिक्षक अभ्यर्थी पटना में प्रवेश नहीं कर सके। इतना ही नहीं दीघा इलाके में 20 से अधिक गाड़ियों को रोक लिया गया है। सूचना मिल रही है कि इन गाड़ियों से शिक्षक अभ्यर्थी पटना पहुंच रहे थे। सूत्रों की मानें तो पटना पुलिस ने दर्जन भर शिक्षक अभ्यर्थियों और शिक्षक नेताओं को हिरासत में भी लिया है। दरअसल, नियाजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने और डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। 11 जुलाई को आंदोलन की चेतावनी पहले ही दी थी। इसी को लेकर गर्दनीबाग इलाके में सैकड़ों शिक्षक अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं बिहार के कई जिलों से आए शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि हमलोग बिहार सरकार के हर मंत्री और विधायक को घरेंगे। इनलोगों ने हमारी डोमिसाइल नीति खत्म कर दी। यह बिहार का अपमान है। बिहार के बच्चों को गरीब और मजदूर बनाने के लिए यह तुगलकी फरमान जारी किया है। यह काला कानून गलत है। शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि एक तरह से बिहार में आपातकाल लगा दिया गया है। सोमवार रात से ही कई जिलों में शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षकों को हिरासत में लिया गया है। यह सरासर गलत है। इधर, विधानसभा परिसर में भाई वीरेंद्र ने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों को भड़काया जा रहा है। वह यह जान रहे हैं कि भाजपा वाले ऐसा कर रहे हैं। मैं उनसे अपील करता हूं कि महागठबंधन की सरकार हमेशा शिक्षकों के साथ रही है। आगे की हमेशा रहेगी। महागठबंधन सरकार उनके लिए काफी कुछ सोच रही है। इसलिए किसी के बहकावे में नहीं आएं। वहीं माले विधायकों ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के मुद्दे पर हमलोग उनके साथ हैं। सरकार को उनकी मांग माननी होगी। हमलोग भी सरकार से इस मामले में सरकार से बात करेंगे।