मोतिहारी में पिछले सप्ताह जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने के बाद अब इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने नीतीश सरकार को नोटिस जारी किया है. जिला प्रशासन की ओर से 31 लोगों की मौत की पुष्टि की गई है. वहीं स्थानीय स्तर पर लोगों का कहना है कि मौत का आंकड़ा और ज्यादा है. इन सबके बीच मोतिहारी कांड पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार और राज्य के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है।नोटिस के बारे में कहा गया है कि यह बेहद चिंता का विषय है कि जिस राज्य में शराबबंदी है वहां शराब से लोगों की मौत हो रही है।

सूत्रों के अनुसार इसमें यह भी कहा गया है कि बिहार में शराबबंदी लागू करने के बाद अवैध शराब की बिक्री खपत पर अब तक रोक नहीं लग पाई है. यह शराब पर प्रतिबंध लगाने की अपनी नीति के क्रियान्वयन पर ध्यान नहीं देने का भी मामला है. इन्हीं को लेकर आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को दोनों के नाम नोटिस जारी किया है।दरअसल, कथित जहरीली शराब से लोगों के मरने की घटनाओं में पहले भी मानवाधिकार आयोग की ओर से बिहार सरकर को नोटिस जारी हो चुका है. पिछले साल दिसंबर 2022 में भी बिहार में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने के बाद आयोग ने मीडिया में आई खबरों का स्वत: संज्ञान लिया था. वह मामला भी आयोग के विचारार्थ है।

अब मोतिहारी शराबकांड को लेकर एक बार फिर से आयोग ने संज्ञान लिया है और नीतीश सरकार और डीजीपी दोनों को नोटिस जारी किया है।बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है. बावजूद इसके हर साल शराब पीने से मौत होने के मामले प्रकाश में आते हैं. यहां तक कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब से होनेवाली मौतों को लेकर पीड़ितों एक परिजनों को मुआवजा देने की भी घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि अब जहरीली शराब से होने वाली मौत के मामलों में पीड़ितों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजा मिलेगा. इसके तहत 2016 से अब हुई मौतों के मामले में 199 लोगों को मुआवजा दिया जा सकता है।

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