मणिपुर हिंसा की एक वायरल वीडियो मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक हाई लेवल कमेटी बनाने की बात कही है. हिंसा के बीच दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने का मामला सामने आया था, और एक महिला के साथ गैंगरेप की वारदात हुई. सीजेआई ने कहा कि इन तीन महिलाओं के यौन उत्पीड़न का वीडियो एकमात्र उदाहरण नहीं है. ऐसी कई घटनाएं हुई हैं और यह कोई अकेली घटना नहीं है. हम इस बात से निपटेंगे कि इन तीन महिलाओं को जल्द न्याय मिले, लेकिन हमें मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के व्यापक मुद्दे को भी देखना होगा।महिलाओं की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए हैं।

एक अन्य याचिकाकर्ता की तरफ से वकील इंदिरा जय सिंह पेश हुई हैं. उन्होंने कहा कि ये देखना होगा कि आखिर महिलाओं के साथ ऐसा कैसे हुआ? राज्य और केंद्र क्या कर रहे थे? चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी महिलाओं के साथ हुई बर्रबरता पर सख्त हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ दरिंदगी के मामले में तत्काल न्याय होना चाहिए. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन मामलों में शिकायतें दर्ज की गई हैं, उन पर कार्रवाई हुई है या नहीं. चीफ जस्टिस ने राज्य और केंद्र से पूछा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा मामले में कितनी एफआईआर दर्ज हैं।इससे पहले की सुनवाई में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वायरल वीडियो मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. महिलाओं के वकील कपिल सिब्बल ने कहा सीबीआई क्या करेगी? इस मामले में एसआईटी गठित करें. बता दें कि सीबीआई की एक एसआईटी टीम हिंसा के अलग छह मामलों की जांच पहले से कर रही है. सिब्बल ने कहा कि यह तो साफ है कि राज्य का रवैया ठीक नहीं है. यह तक नहीं बताया गया कि कितनी एफआईआर हुई है।

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