बिहार बीजेपी की नई कमेटी में सामाजिक समीकरण का ख्याल रखा गया है. भाजपा नेतृत्व ने इस बार पिछड़ा-अपिछड़ा पर खास फोकस किया है. हालांकि कोर वोटर माने जाने वाले उंची जातियों को भी उचित प्रतिनिधित्व दिया है. सम्राट चौधरी ने 9 अगस्त को 38 सदस्यीय नई कमेटी का गठन किया है. इनमें से यादव जाति से सिर्फ एक हैं. नित्यानंद राय भाजपा के कद्दावर नेता हैं, केंद्र में मंत्री हैं. लेकिन नई कमिटी में यादव जाति से सिर्फ एक नाम का होना आश्चर्यजनक बात है. बता दें, पिछली बार की टीम में यादव समाज का प्रतिनिधित्व दो था. अजय यादव को मंत्री जबकि ओमप्रकाश यादव को उपाध्यक्ष बनाया गया था. इस बार संख्या घटकर एक हो गई है. बीजेपी की नई टीम में सामाजिक समीकरण की बात करें तो अति पिछड़ा जाति से 8 लोगों को लिया गया है. भूमिहार जाति से जगन्नाथ ठाकुर, रीता शर्मा, संतोष रंजन, धीरेंद्र कुमार सिंह और अरविंद शर्मा को शामिल किया गया है. ब्राह्मण जाति से मिथिलेश तिवारी, संतोष पाठक, राकेश तिवारी, दिलीप मिश्रा, ज्ञान प्रकाश ओझा और सरोज झा हैं।
वहीं, राजपूत बिरादरी से राजेंद्र सिंह, नूतन सिंह, अमृता भूषण, त्रिविक्रम सिंह,आशुतोष शंकर सिंह और कायस्थ से राजेश वर्मा लिए गए हैं.पिछड़ा समाज की बात करें तो कुर्मी से सरोज रंजन पटेल और प्रवीण चंद्र राय, कुशवाहा जाति से ललिता कुशवाहा, रत्नेश कुशवाहा और जितेंद्र कुशवाहा. यादव जाति से स्वदेश यादव लिए गए हैं. वहीं वैश्य से सिद्धार्थ शंभू, प्रियंवदा केसरी, संजय गुप्ता और संजय खंडेलिया.अति पिछड़ा में कहार से भीम सिंह, प्रजापति से शीला प्रजापति, नाई से अनिल ठाकुर, नोनिया से नंदलाल चौहान, तेली से नितिन अभिषेक, साहनी से राज भूषण निषाद, धानुक से ललन मंडल, दांगी से अमित दांगी को लिया गया है. जबकि अनुसूचित जाति में चमार से शिवेश राम और सुग्रीव, पासवान जाति से गुरु प्रकाश पासवान को नई टीम में शामिल किया गया है।