भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने आज को श्रीहरिकोटा से एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान 3 का सफलतापूर्वक लॉन्च किया. चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च होने पर इसरो अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि सब ठीक रहेगा तो इसकी सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त की शाम पांच बजकर 47 मिनट पर होगी. वहीं लॉन्च करने के दौरान मौजूद रहे केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये पूरा मिशन स्वदेशी है. दूसरी ओर प्रधानमंत्रत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर खुशी जताई. बड़ी बातें-
1. इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए कहा, ”चंद्रयान 3 ने अपनी यात्रा शुरू कर दी है. इसे एलवीएम3-एम4 रॉकेट सटीक कक्षा में स्थापित कर दिया है. हमारा इसे एक अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने का प्लान है.” उन्होंने कहा कि हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी और उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो. फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती है जो हमने समीक्षा और टेस्ट करके पता लगाई. तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की. मैं इसके लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं.
2. चंद्रयान-2 मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर विक्रम पथ विचलन के चलते सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल नहीं हुआ था. चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास सफल होने पर भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा.
3. आज रवाना हुआ ‘चंद्र मिशन’ 2019 के ‘चंद्रयान-2’ का अनुवर्ती मिशन है. भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग का है. ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ इस अभियान का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा होगी.
4. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने इसरो के अधिकारियों के हवाले से बताया कि उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद प्रणोदन मॉड्यूल रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया. यह चंद्र कक्षा की ओर बढ़ते हुए पृथ्वी से 170 किमी निकटतम और 36,500 किमी सुदूरतम बिंदु पर एक अण्डाकार चक्र में लगभग पांच-छह बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. लैंडर के साथ प्रणोदन मॉड्यूल, गति प्राप्त करने के बाद चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के लिए एक महीने से अधिक लंबी यात्रा पर तब तक आगे बढ़ेगा जब तक कि यह चंद्र सतह से 100 किमी ऊपर नहीं पहुंच जाता. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि ऊंचाई पर पहुंचने के बाद लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए उतरना शुरू कर देगा.
5. चंद्रयान-3 में भी पिछल बार की तरह इस बार भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को रिसर्च के लिए चुना गया है क्योंकि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव की तुलना में बहुत बड़ा है. इसके आस-पास स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है।
6. प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर खरा उतर रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि सफलता की कोई सीमा नहीं है और मुझे लगता है कि चंद्रयान ब्रह्मांड के अज्ञात क्षितिजों का पता लगाने के लिए आकाश की सीमा से आगे निकल गया है. सिंह ने इसरो के संस्थापक और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक कहे जाने वाले दिवंगत विक्रम साराभाई की सराहना करते हुए कहा कि यह दिन उस सपने का संकेत है जो विक्रम साराभाई ने छह दशक पहले देखा था. उनके पास संसाधनों की भले ही कमी रही हो, लेकिन आत्मविश्वास की कभी कमी नहीं थी.
7. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि चंद्रयान-3 परियोजना की लागत लगभग 600 करोड़ रुपये है. उन्होंने आगे पीएम मोदी का धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने श्रीहरिकोटा के द्वार खोलकर भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सक्षम करके इसे संभव बनाया है.
8. चंद्रयान-3 मिशन पर पूर्व इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इसरो टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि आशा करते हैं कि हमारे सामने एक बहुत ही सफल मिशन होगा. जो भी लोगों ने समर्थन दिया उसके लिए सभी का धन्यवाद करता हूं. वहीं इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि यात्रा का पहला भाग बहुत अच्छी तरह से शुरू हुआ है. हम लगातार प्रगति कर रहे हैं. कई जटिल प्रक्रियाओं को अंतिम रूप दिया जाना है, जिसमें अपशिष्ट प्रबंधन, भोजन का प्रावधान और यहां तक कि किसी भी अप्रिय घटना के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा भी शामिल है. हालांकि, हम इसमें प्रगति कर रहे हैं.
9. पीएम मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा है. यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और सरलता को सलाम करता हूं! उन्होंने इससे पहले कहा था कि 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा स्वर्णिम अक्षरों में अंकित रहेगा और यह राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा.
10. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ”वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और चंद्रयान मिशन के सफल प्रक्षेपण में शामिल सभी लोगों की जबरदस्त प्रतिभा, समर्पण, कौशल और कड़ी मेहनत को धन्यवाद. हमें आप पर गर्व है. कांग्रेस पार्टी की ओर से हम इसरो की टीम के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।