पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार बिहार की गरीबी कम करने और विकास तेज करने का श्रेय अकेले लेना चाहती है, जबकि सबको पता है कि उनके 17 साल के शासन में कुल 14 साल बीजेपी (BJP) साथ रही. दरअसल, गरीबी मिटाने में बीजेपी और केंद्र सरकार का योगदान जेडीयू (JDU) को नहीं पच रहा है. नीतीश कुमार ने यदि दो बार पलटी मारकर लालू प्रसाद के गोड़ पर गिरने में चार साल न गंवाये होते, तो गरीबों का ज्यादा भला होता।सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के मंत्रियों-प्रवक्ताओं में यदि लोकलाज होता, तो वे केंद्र सरकार के विशेष सहयोग और बीजपी की लंबी भागीदारी को सिरे से खारिज नहीं करते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए जो काम अलग से किए, वह भी सरकार के योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव को दिखाई नहीं पड़ते. यह संगत का असर है।
बरौनी का जो उर्वरक कारखाना कांग्रेस-आरजेडी शासन के दौरान बंद हो गया था, उसे केंद्र सरकार ने 8500 करोड़ रुपये खर्च कर फिर से चालू कराया. क्या यह सौगात सभी राज्यों की मिली? केंद्र सरकार ने दरभंगा एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू की, जिससे उत्तर बिहार के लाखों लोगों को लाभ हुआ.बीजेपी नेता ने कहा कि 4-लेन, 6-लेन सड़कों और पुल-महासेतु के निर्माण हेतु केंद्र सरकार केवल बिहार में एक लाख करोड़ रुपए खर्च कर रही है. क्या इसका यहां की गरीबी दूर करने में कोई योगदान नहीं है? केंद्र सरकार बिहार को दूसरा एम्स और विक्रमशिला में केंद्रीय विश्वविद्यालय भी देना चाहती है, लेकिन नीतीश सरकार जमीन नहीं दे रही है. कोरोना के दौरान सबको मुफ्त वैक्सीन और राज्य के 8 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने से क्या गरीबी दूर करने में कोई मदद नहीं मिली? क्या ये काम राज्य सरकार ने अपने खर्चे से कराये थे?