कनाडा में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ और मारपीट की घटना पर भारत ने चिंता जताई है. ओटावा में भारती उच्चायोग ने इसको लेकर बयान जारी किया है और इस घटना की कड़ी निंदा की है. भारती उच्चायोग ने कहा कि टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में भारत विरोधी तत्वों ने जो हिंसा फैलाई, वह बहुत ही निराशाजनक है. हम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए बेहद चिंतित हैं.कनाडा में हिंदुओं और उसके मंदिरों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. उन पर हमला किया जा रहा है. कनाडा के हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ और हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी इस तरह के कई मामले आए हैं. कभी मंदिरों के दीवारों पर भारत विरोधी नारे तो कभी कुछ लिख दिया जाता है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद कनाडा में इस तरह की गतिविधियों में खासा इजाफा हुआ है. निज्जर की जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या दी गई थी.इस साल जुलाई में भी हिंदू मंदिर को टारगेट किया गया था. एडमॉन्टन में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की गई थी. पिछले साल भी कनाडा में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ के कई मामले सामने आए थे. लक्ष्मी नारायण मंदिर को निशाना बनाया गया. उसके गेट और पीछे की दिवार पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक पोस्टर चिपका दिए गए थे. इस पर हरदीप सिंह निज्जर की तस्वीर भी लगी थी.कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटना बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है. उन्होंने कहा कि कनाडा में रहने वाले सभी नागरिक अपनी धार्मिक आस्था को मानने के लिए स्वतंत्र हैं. मैं हिंदू समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस को धन्यवाद देता हूं. वहीं, नेपियन के भारतीय मूल के सांसद चंद्रा आर्या ने भी इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि आज खालिस्तानी समर्थकों ने रेड लाइन क्रॉस कर दी. खालिस्तानी चरमपंथियों ने हिंदू सभा मंदिर में तोड़फोड़ की. साथ ही वहां मौजूद भक्तों पर हमला भी किया. इस घटना को लेकर भारत ने चिंता जताई है.

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