राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे करीबी रहे वरिष्ठ आईपीएस ऑफिसर बी एल सोनी ने बड़ा खुलासा किया है। बीएल सोनी डीजी एंटी करप्शन ब्यूरो के पद से हाल में ही रिटायर हुए हैं। मीडिया से बातचीत में सोनी ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करती है, लेकिन ये बात झूठी है। गहलोत सरकार में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है। बीएल सोनी ने बताया कि मेरे एंटी करप्शन ब्यूरो का डीजी रहते, अभी हाल में ही कई बड़ी मछलियों को पकड़ा गया, लेकिन जब वो ट्रैप होते थे तो कार्रवाई के वक़्त ऊपर से कोई ख़ुशी ज़ाहिर नहीं होती थी, बल्कि नाराज़गी होती थी।एंटी करप्शन ब्यूरो के पूर्व डीजी बीएल सोनी ने आगे बताया कि छोटे मामलो में तो कभी कॉल नहीं आते थे, लेकिन बड़े मामलो में पीड़ित के पक्ष में कभी कॉल नहीं आता था लेकिन सरकार भ्रष्टाचार के मामलो में बड़ी मछली पर कारवाई नहीं करती है।

गहलोत के सबसे करीबी रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि कई जगह से कॉल आते थे मेरे पास कि भ्रष्टाचार हो रहा है। सबसे ज़्यादा भ्रष्टाचार तो खनन विभाग में हुआ है।ये सारे खुलासे उस अधिकारी ने किए हैं जो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे करीबी ऑफिसर्स में से एक माने जाते थे। एंटी करप्शन ब्यूरो के पद से बीएल सोनी हाल ही में रिटायर हुए हैं। सोनी ने इंडिया टीवी को ये भी बताया कि लोग अवैध खनन करके पहाड़ खा गये। सैटेलाइट इमेज से देखेंगे तो पता लगेगा कि पहाड़ ग़ायब हैं। DOIT, खनन विभाग में कई जगह भ्रष्टाचार हुआ है। सरकार चाहती तो रीट के अपराधी भी पकड़े जाते, लेकिन गहलोत सरकार में इच्छा शक्ति की कमी है।बता दें कि बीएल सोनी के डीजी रहते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने कई बड़ी कार्रवाई की हैं। बताया जा रहा है कि यही कारण है कि गहलोत सरकार एसीबी में नियमित डीजी तैनात करने से बच रही है। वर्तमान में राजस्थान पुलिस विभाग में डीजी रैंक के 4 अधिकारी मौजूद हैं, लेकिन बीएल सोनी के सेवानिवृत्त होने के बाद से ही एंटी करप्शन ब्यूरो में डीजी का पद खाली पड़ा है।

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