कई देशों की खुफिया रिपोर्ट इस बात की आशंका जता रही हैं कि अरब में 100 घंटे बाद महायुद्ध का विस्फोट हो सकता है. इसकी वजह है ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद ईरान का प्रतिशोध प्लान. ईरान की मस्जिदों पर शोक और प्रतिशोध के प्रतीक काले झंडे लगा दिए गए हैं. इसके साथ ही ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मुखबर की हॉटलाइन पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात हुई है.इस बातचीत के बाद रूस में टैक्टिकल न्यूक्लियर ड्रिल शुरू हो चुकी है. माना जा रहा है कि ईरान अरब में US खेमे के 7 देशों को एकसाथ टारगेट बना सकता है. रूस और ईरान के इस ज्वाइंट ऑपरेशन का खतरा बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन की मौत के बाद ईरान शोक में डूबा है.मौत की खबर आने से पहले जिन समर्थकों के हाथ दुआओं में उठे थे अब उन्हीं समर्थकों के मन दर्द और आंखें आसुओं से भरे हैं. रईसी के एक समर्थक ने कहा कि जबसे हेलिकॉप्टर क्रैश की खबर सुने तबसे चिंता में थे कि अगर उन्हें कुछ हुआ तो हमारा, हमारे देश का क्या होगा. पूरी रात खबरें देखते रहे, हम सब स्तब्ध थे.वहीं एक अन्य समर्थक ने कहा कि हमें दुख है कि हमारा एक ऐसा नायक चला गया जिसने ईरान को गौरवान्वित किया और दुश्मनों का सिर झुकाया. खासकर बीते महीने हमने देखा कि कैसे रईसी सरकार ने इजराइल और अमेरिका को शर्मसार किया और ईरान का कद बढ़ाया. समर्थक अपने नायकों को नम आंखों से अंतिम विदाई दे रहे हैं. ईरान में शुक्रवार तक अलग अलग जगहों पर रईसी और अब्दुल्लाहियन की शव यात्रा निकाली जाएगी. प्रार्थना सभाएं होंगी, शुक्रवार को मशहाद में इमाम रेजा के मकबरे के पास दोनों को दफनाया जाएगा.इस बीच ईरान सरकार की कमान मोहम्मद मुखबर को सौंप दी गई है. उप राष्ट्रपति रहे मोहम्मद मुखबर को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया गया है. उप विदेश मंत्री अली बाघेरी को कार्यवाहक विदेश मंत्री बना दिया गया है. 20 मई को कार्यवाहक राष्ट्रपति मोहम्मद मुखबर ने दिन भर सैन्य अधिकारियों और अलग अलग मंत्रियों से बातचीत की.इंटरनेशनल मीडिया के मुताबिक ईरान रईसी के प्लेन क्रैश के प्रतिशोध की तैयारी में है. ईरान के प्रतिशोध की तैयारी का सबूत है कि ईरानी मस्जिदों के गुंबदों पर काला झंडा फहराया जा रहा है. अब शुक्रवार को रईसी का शव इमाम रेजा के मकबरे के पास पहुंचेगा, उस दिन वहां भी काला झंडा फहराया जाएगा और उसी दिन रईसी का अंतिम संस्कार कर ईरानी प्रतिशोध की शुरुआत हो सकती है.ईरान सरकार ने क्रैश पर कोई आधिकारिक बयान देकर इसे साजिश नहीं माना है लेकिन खुफिया रिपोर्ट है कि ईरान इसके लिए इजराइल को जिम्मेदार मान रहा है और वो इजराइल पर कोई बड़ा एक्शन ले सकता है. इजरायल पर एक्शन लेने के लिए ईरान का हौसला इसलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि मुखबर को पुतिन का साथ मिल गया है. 20 मई को पुतिन ने कार्यवाहक राष्ट्रपति मुखबर से बात कर कहा है कि क्रैश को सिर्फ हादसा नहीं माना जा सकता है. माना जा रहा है कि रईसी क्रैश केस के नाम पर पुतिन अरब में अपना वर्चस्व बढ़ाने वाले हैं.रूस ने 19 अप्रैल को ईरान पर इजराइल के हमले के दौरान भी सामरिक सहयोग दिया था और अब रईसी की मौत के बाद पुतिन के लिए अरब की सबसे बड़ी ताकतों में एक ईरान के जरिए अरब में पैर फैलाने का मौका है. माना ये जा रहा है कि पुतिन के इशारे पर ईरान इजराइल से बड़े प्रतिशोध की तैयारी में है।

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