एक गठबंधन में होने के बावजूद कई ऐसे मौके सामने आए जब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के सामने ही लालू-राबड़ी शासनकाल पर सवाल उठाए। इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नहीं बल्कि उनके करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने लालू-राबड़ी राज पर सवाल उठाया है। अशोक चौधरी ने सवालिया लहजे में कहा है कि 2007 से पहले दलितों को समानता का अधिकार क्यों नहीं मिला? पहले की सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण क्यों नहीं दिया?दरअसल, मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग से भीम संसद रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान अशोक चौधरी ने पूर्व की सरकारों पर सवाल उठाया।

उन्होंने लालू-राबड़ी का नाम लिए बिना 2007 से पहले की सरकारों पर हमला बोला। अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले 17-18 वर्षों में एससी-एसटी के लिए काफी काम किया है। नीतीश कुमार ने दलितों-महादलितों को राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक रूप से मजबूत करने का काम किया। उन्होंने कहा कि 2007 से पहले प्रदेश में हमारी आबादी कितनी थी, अब तो जाति गणना में यह बात आ गई। 1931 में जो जाति आधारित गणना हुई, उसमें दलितों की संख्या 14-15 फीसदी थी। 2007 से पहले दलित समाज के कितने लोग मुखिया थे? कितने अति पिछड़ी के लोग जिला परिषद के अध्यक्ष थे? आधी आबादी महिलाओं की है, कितनी महिलाओं को पंचायती राज में आगे बढ़या गया? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2007 में इस वर्ग को पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण दिया। इससे पहले की सरकारों ने दलितों को समानता का अधिकार दिलाने के लिए क्या किया?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *