संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है. इसको लेकर खूब राजनीति हो रही है. मोदी सरकार और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं. वहीं, इस मुद्दे पर ‘हम’ संरक्षक जीतन राम मांझी ने बुधवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ये बिल पहले आना चाहिए था. नरेंद्र मोदी की स्पष्टता और नारियों के प्रति सम्मान के चलते वे बिल लाए हैं. जेडीयू ने इसका समर्थन किया है, इसके लिए उन्हें धन्यवाद. राबड़ी देवी से मैं यही कहना चाहता हूं कि वे पति-पत्नी 15 साल (शासन में) थे, उन्होंने महिला आरक्षण के लिए क्या किया था?जीतन राम मांझी ने कहा कि यह बिल 2023 में इसलिए आया क्योंकि कोरोना के कारण देश दो साल तक पाबंदियां झेलता रहा।

यह बिल उनकी (सरकार की) स्पष्टता और महिलाओं के प्रति सम्मान को दर्शाता है. प्रक्रिया यह है कि इसे राज्यों की विधानसभाओं में पारित किया जाना चाहिए. जनगणना और परिसीमन होना चाहिए. यह एक दिन में कैसे हो सकता है? अगर संजय सिंह कह रहे हैं कि यह 2024 से पहले आना चाहिए, तो यह उनकी बेवकूफी है.वहीं, विपक्ष के महिला आरक्षण बिल में जातिगत कोटा के मुद्दे पर ‘हम’ संरक्षक ने कहा कि दलित के लिए पहले कोटा है. 33 प्रतिशत स्पष्ट है. भारत के संविधान में ओबीसी और ईबीसी के लिए ऐसा प्रोविजन है क्या? अगर प्रोविजन होता तो आता. नहीं है तो इसके लिए भविष्य में पहले आपस में सामंजस्य स्थापित करें. यह 128 वां संसोधन है. उसके लिए 129 वां संसोधन होगा. इसके लिए भी पीएम नरेंद्र मोदी तैयार हो जाएंगे. बशर्ते सभी का दिमाग ठीक हो।

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